छपरा शराब कांड को लेकर बीजेपी लगातार महागठबंधन सरकार पर हमला बोल रही है. ताजा मामले में बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने सूबे की महागठबंधन सरकार पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम जांच के लिए सारण पहुंचने पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग स्वायत्त संस्था, भाजपा शासित राज्यों में भी भेजी गई थी जांच टीम. सारण जहरीली शराब कांड की जांच के लिए आयोग की टीम आने से सरकार परेशान क्यों है?
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) एक स्वायत्त संस्था है और यह केंद्र सरकार के निर्देश पर काम नहीं करती. आयोग ने भाजपा शासित राज्यों की घटनाओं पर भी संज्ञान लेकर जांच टीम भेजी है. उन्होंने आगे कहा कि आयोग ने गुजरात के मोर्वी में दुर्घटना के बाद वहाँ की राज्य सरकार को भी नोटिस भेजी थी. भाजपा शासित यूपी के आगरा और मध्यप्रदेश के ग्वालियर में मानसिक आरोग्य केंद्र की जांच के लिए भी आयोग की टीम गई थी.
सुशील मोदी ने आगे कहा कि बिहार में जब भाजपा सरकार में थी, तब आधे दर्जन से अधिक जहरीली शराब से जुड़े मामलों का संज्ञान मानवाधिकार ने लिया था. तब इसने संबंधित जिलों के एसपी और राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस देकर जवाब मांगा और 3 लाख रुपये तक मुआवजा देने का निर्देश दिया था. सारण में जहरीली शराब से बड़ी संख्या में लोगों की मौत की जाँच करने के लिए आयोग की टीम का आना भी एक रुटीन प्रक्रिया है. इससे सरकार क्यों डरी हुई है ?
उन्होंने आगे कहा कि मानवाधिकार आयोग की धारा-17(2) के अन्तर्गत आयोग को अधिकार है कि राज्य सरकार की रिपोर्ट से संतुष्ट न होने पर वह जांच के लिए अपनी टीम घटना स्थल पर भेज सकता है. जहरीली शराब से मौत के मामले में यदि बिहार सरकार कुछ छिपाना नहीं चाहती, तो आयोग की टीम के दौरे का राजनीतिक विरोध क्यों किया जा रहा है ?
बता दें कि छपरा शराब कांड में 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. एक तरफ बीजेपी सूबे की महागठबंधन सरकार हमला बोल रही है तो दूसरी तरफ महागठबंधन में शामिल दल के नेता भी सरकार पर शराबबंदी को लेकर सवालिया निशान लगा रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- छपरा शराब कांड को लेकर बीजेपी अक्रामक
- सुशील मोदी ने नीतीश सरकार पर बोला हमला
Source : Shailendra Kumar Shukla