केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज देश का आम बजट पेश करने जा रही हैं. जिससे बिहार को इस बार उम्मीद है कि विशेष राज्य दर्जे की मांग जरूर पूरी होगी. लगातार बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तरफ से ये मांग की जा रही है. वित्तमंत्री विजय चौधरी ने कहा है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए. जहां महागठबंधन का कहना है कि विशेष राज्य का दर्जा मिले तो दूसरी तरफ बीजेपी का ये कहना है कि अब इसका कोई प्रवधान है ही नहीं. आज पेश होने वाले बजट में अब ये देखना होगा कि महागठबंधन की मांग पूरी होती है या फिर इस बार भी मांग पूरी नहीं होगी.
NDA गठबंधन में रहते हुए भी JDU ने की थी विशेष राज्य के दर्जे की मांग
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार ये कह रहे है कि बिहार जैसे राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए तब ही यहां की गरीबी और पिछड़ेपन को खत्म किया जा सकता है. जब JDU पार्टी NDA गठबंधन में थी तब भी ये मांग की गई थी लेकिन तब भी बीजेपी ने कहा था कि विशेष राज्य की अवधारणा को ही खत्म कर दिया गया है.
सबसे पहले केवल तीन राज्यों को मिला था ये दर्जा
आज पेश होने वाली बजट में अब देखना होगा कि बिहार को क्या सौगात मिलती है. आपको बता दें कि विशेष राज्य का दर्जा पांचवे वित्त आयोग के प्रस्ताव पर 1969 में शुरू हो गई थी. शुरुआत में केवल तीन राज्यों असम, नागालैंड और जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया था. जिसके बाद कुल 11 राज्यों को ये दर्जा मिल गया.
केंद्रीय सहायता में हो जाती है बढ़ोतरी
जब किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाता है तो उसके बाद राज्यों को कई तरह के फायदे होते हैं. इसमें सबसे अहम बात ये होती है कि केंद्रीय सहायता में बढ़ोतरी हो जाती है. केंद्र अपने अनेक योजनाओं को लागू करने के बदले में में राज्यों को वित्तीय मदद देती हैं. जो किसी भी राज्य के लिए फायदेमंद होता है.
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कब किस राज्य को मिला विशेष राज्य का दर्जा
1969 से 1974 तक – पहली बार असम, जम्मू-कश्मीर और नागालैंड को मिला था
1974 से 1979 तक – हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम और त्रिपुरा को मिला था
1990 के वार्षिक योजना में अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम को मिला
2001 में उत्तराखंड को भी ये दर्जा मिला था
विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर ये होता है फायदा
किसी भी सामान्य राज्य को केंद्र के द्वारा वित्तीय सहायता में 70% कर्ज के रूप में और 30% मदद के तौर पर दिया जाता है, लेकिन जिस राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाता है. उसे केंद्र से मात्र 10% कर्ज के रूप में मिलता है और बाकी 90% मदद के तौर पर वित्तीय सहायता मिलती है. जिसका मतलब ये होता है कि विशेष राज्य का दर्जे वाले राज्य को मिलने वाली केंद्रीय सहायता में सीधे तौर पर 60% की बढ़ोतरी हो जाती है.
HIGHLIGHTS
- JDU ने NDA में रहते हुए भी की थी विशेष राज्य के दर्जे की मांग
- सबसे पहले केवल तीन राज्यों को मिला था विशेष राज्य का दर्जा
- कुल 11 राज्यों को मिला है विशेष राज्य का दर्जा
- विशेष राज्य का दर्जा मिलने से केंद्रीय सहायता में हो जाती है बढ़ोतरी
Source : News State Bihar Jharkhand