क्या 2024 में महागठबंधन का खेल खराब करेगा 'राम मंदिर', लालू का इनकार, अब नीतीश का इंतजार....

अयोध्या राम मंदिर को लेकर बिहार में भी सियासी पारा हाई हो चुका है. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण को कई बड़े नेता ठुकरा चुके हैं. उसमें आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का भी नाम शामिल हो चुका है.

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Vineeta Kumari
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LALU AND NITISH ON RAM MANDIR

महागठबंधन का खेल खराब करेगा राम मंदिर( Photo Credit : फाइल फोटो)

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22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इसे लेकर तमाम नेताओं और सेलिब्रिटी को निमंत्रण पत्र दिया जा रहा है. जहां मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल देखा जा रहा है. वहीं राम मंदिर को लेकर राजनीति शुरू हो चुकी है. विपक्षी पार्टियां भाजपा पर आरोप लगा रही है कि केंद्र सरकार अयोध्या के नाम पर राजनीति कर रहे हैं तो वहीं भाजपा अन्य पार्टियों को सनातन धर्म सीखाते नजर आ रहे हैं. अयोध्या राम मंदिर को लेकर बिहार में भी सियासी पारा हाई हो चुका है. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण को कई बड़े नेता ठुकरा चुके हैं. उसमें आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का भी नाम शामिल हो चुका है. बुधवार को जब मीडियाकर्मी ने लालू यादव से मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने साफ कहा कि वह इसमें शामिल नहीं होंगे. वहीं, अब तक बिहार के सीएम नीतीश कुमार का प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने को लेकर किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.

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बिहार का जातीय समीकरण

2 अक्टूबर, 2023 को बिहार सरकार ने जातीय आधारित गणना जारी की, जिसमें सबसे ज्यादा यादव समाज की आबादी देखी गई. जातीय आधारित गणना की बात करें तो बिहार में यादव 14.26 फीसदी, रविदास 5.2 फीसदी, कोईरी 4.2 फीसदी, ब्राह्मण की आबादी 3.65 फीसदी, राजपूत 3.45 फीसदी, मुसहर 3.08 फीसदी, भूमिहार 2.86 फीसदी, कुर्मी 2.8 फीसदी, मल्लाह 2.60, बनिया 2.31 फीसदी और साहू 2.81 फीसदी हैं. 

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वहीं, धर्म आधारित आबादी की बात करें तो बिहार में मुस्लिम 18 फीसदी हैं. यूं तो आरजेडी MY समीकरण पर ही चुनाव लड़ती नजर आती है. इस हिसाब से मुस्लिम 18 फीसदी और यादव 14 फीसदी हैं, कुल मिलाकर बिहार में 32 फीसदी MY समीकरण बनता है. लालू यादव के राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से इंकार करने पर वो मुस्लिम वोटर्स को लुभा सकते हैं लेकिन क्या इससे यादव वोटर्स का साथ उन्हें मिलेगा. क्या सिर्फ 18 फीसदी वोटर्स को लुभाने के लिए 82 फीसदी वोटर्स को अपनी तरफ करने में लालू कामयाब हो सकेंगे?

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बात करें तो उन्होंने अब तक राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन इसे लेकर बिहार के कई आरजेडी-जेडीयू नेता विवादित बयान भी दे चुके हैं.

विवादित बयान करेगी महागठबंधन का खेल खराब!

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बिहार के शिक्षा मंत्री के बिगड़े बोल

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रेशखर अकसर अपने विवादित बयान को लेकर चर्चा में बने रहते हैं, कभी रामचरित मानस तो कभी राम मंदिर पर टिप्पणी कर वह चर्चा में आ ही जाते हैं. प्रोफेसर चंद्रशेखर ने राम मंदिर पर विवादित बयान देते हुए कहा कि 'आज हिंदूवाद से सावधान रहने की जरूरत है. मंदिर का रास्ता मानसिक गुलामी का रास्ता होता है, स्कूल का रास्ता प्रकाश का रास्ता दिखाता है.'' आपको चोट लगेगी तो आप मंदिर जाओगे या अस्पताल? ठीक उसी तरह अगर आपको ज्ञान अर्जित करना है, पढ़ लिखकर बड़ा अधिकारी या होशियार बनना है तो विद्यालय जाना होगा. मंदिर जाने से काम नहीं चलेगा.'' अब शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर के इस बयान पर बिहार में राजनीति गरमा गई. इस बयान पर जमकर बयानबाजी हो रही है.

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तेजस्वी यादव ने राम मंदिर पर दिया बयान

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मधुबनी में एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों को भूख लगेगी तो मंदिर जाओगे? वहां खाना मिलेगा? वहां उल्टा दान मांग लेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पैर कटेगा तो लोग मंदिर जाकर पंडित को नहीं दिखाएंगे, अस्पताल जाकर डॉक्टर को दिखाइएगा?

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आरजेडी विधायक ने राम को बताया काल्पनिक

आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह अकसर हिंदू देवी-देवताओं पर विवादित बयान देते रहते हैं. देवी दुर्गा से लेकर मां सरस्वती पर वह कई बार टिप्पणी कर चुके हैं. फतेह बहादुर ने एक और विवादित बयान देते हुए कहा कि वह शिक्षा की देवी सावित्रीबाई फुले को मानते हैं. वो राम और सरस्वती को नहीं मानते हैं. इतना ही नहीं अपनी बातों को सही साबित करने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला भी दिया.

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तेज प्रताप ने कहा- 22 जनवरी को अयोध्या नहीं आएंगे राम

लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कहा कि भगवान राम मेरे सपने में आए थे और उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को वो अयोध्या नहीं जाएंगे. बीजेपी वाले लोग पाखंड करते हैं. चार शंकराचार्य उनको भी सपना आया है. ये लोग धर्म को खंडित किया है.

बता दें कि आरजेडी के साथ ही कांग्रेस नेता भी प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी ने भी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से मना कर चुके हैं. अब कांग्रेस के साथ-साथ आरजेडी के इस इनकार का असर आगामी लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा या नहीं, यह देखना दिलचस्प होगा.

HIGHLIGHTS

  • अयोध्या राम मंदिर पर सियासत
  • महागठबंधन का खेल खराब करेगा 'राम मंदिर'
  • लालू का इनकार, अब नीतीश का इंतजार

Source : News State Bihar Jharkhand

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