बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के एकमात्र विधायक राजकुमार सिंह ने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रमुख घटक दल जनता दल (युनाइटेड) के कार्यकारी अध्यक्ष और बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी से मुलाकात की. इसके बाद इस तरह की चर्चाओं को बल मिला है कि जदयू विधानसभा में अपनी ताकत बढ़ाने को लेकर संजीदा है वहीं लोजपा को विधानसभा में कुनबा साफ कर विधानसभा चुनाव का बदला लेने के मूड में हैं. इसे लेकर बिहार में चर्चा का बाजार भी गर्म है.
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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एकमात्र विधायक मोहम्मद जमा खां के शुक्रवार को जदयू में शामिल होने के बाद बिहार विधानसभा में बसपा का कुनबा साफ हो गया है. जमा खां के जदयू में शामिल होने के बाद जदयू के विधायकों की संख्या भी 43 से बढ़कर 44 हो गई है. बेगूसराय जिले के मटिहानी के लोजपा विधायक राजकुमार सिंह सोमवार को मंत्री अशोक चौधरी से मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच लंबी चर्चा हुई है. सिंह ने हालांकि मुलाकात के बाद सफाई देते हुए कहा कि चौधरी पुराने मित्र हैं.
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उन्होंने कहा कि एक कार्यक्रम में यहां शामिल होने आया था. चौधरी उनके पुराने मित्र हैं, इसका कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए. सिंह बिहार चुनाव में बेगूसराय के मटिहानी सीट से चुनाव जीते हैं. उन्होंने जदयू के विधायक रहे बोगो सिंह को हराया था. चुनाव के दौरान बोगो सिंह पर पैसा बांटने का आरोप लगा था और उनकी पहचान भी बाहुबली की रही है.
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इधर, जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छवि अलग रही है. उनके साथ रहने की चाहत कई नेताओं को है. उन्होंने हालांकि इस मामले को लेकर कोई भी सीधा जवाब नहीं दिया. मुलाकात को लेकर लोजपा के कोई भी नेता अब तक कोई बयान नहीं दे रहे हैं.
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में लोजपा ने जदयू को करीब डेढ दर्जन सीटों पर नुकसान पहुंचाया है. जदयू के उम्मीदवारों के सामने लोजपा ने अपने प्रत्याशी उतार दिए थे, जिससे जदयू को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. सूत्र भी कहते हैं कि ऐसे में जदयू उनके विधायक को अपने पाले में लेकर विधानसभा में लोजपा का अस्तित्व समाप्त करने के मूड में है. इससे जहां जदयू में एक विधायक की संख्या बढ़ जाएगी, वहीं लोजपा से भी बदला पूरा हो जाएगा. गौरतलब है कि जदयू फिलहाल विधानसभा में संख्याबल के हिसाब से तीसरे नंबर की पार्टी है.
Source : IANS