बिहार के कैमूर जिले में कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान एक प्रेमी युगल को विवाह करने के लिए जब कोई जगह नहीं मिला और परिवार के लोग शादी के लिए राजी नहीं हुए तो इन लोगों ने पुलिस से मदद मांगी. पुलिस ने ना केवल दोनों के परिजनों को राजी किया बल्कि थाना परिसर में स्थित मंदिर में दोनों की शादी भी करवाई. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद दोनों परिजन भी साथ पहुंचे और महिला थाना परिसर स्थित मंदिर में ही दोनों की शादी की रस्में पूरी हुई. पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि बतेरी की रहने वाली स्नेहा कुमारी और भभुआ के एकता चैक के रहने वाले शुभम कुमार के बीच पिछले करीब एक साल से प्रेम संबंध चल रहा था. कोरोना संक्रमण काल के दौरान दोनों ने जब एक दूसरे से शादी करने की इच्छा जताई तब दोनों में सहमति तो बन गई लेकिन कोरोना के गाइडलाइन और परिवार की रजामंदी आडे आ गई. दोनों के परिजन इसके लिए तैयार नहीं थे.
जब दोनों ने अपने घरों में इस रिश्ते की बात बताई तो स्वजातीय होने के बाद भी घर वाले शादी के लिए राजी नहीं हुए. इस बीच, प्रेमी युगल ने पुलिस से सहयोग मांगने का विचार किया और महिला थाना पहुंचकर अपनी समस्या से पुलिस अधिकारी को अवगत कराया. भभुआ महिला थाना के प्रभारी सुधांशु शेखर ने आईएएनएस को मंगलवार को बताया कि पहले दोनों परिजनों को समझाया गया. अंत में दोनों परिजन भी इस विवाह के लिए राजी हो गए. थाना प्रभारी ने बताया कि रविवार को भाभुआ महिला थाने में प्रेमी जोड़े की शादी करवाई गई. उन्होंने बताया, ''थाना परिसर स्थित शिव मंदिर में शुभम और स्नेहा की धूमधाम से शादी हुई. परिजनों की सहमति से शुभम ने स्नेहा के मांग में सिंदूर डाला और सात फेरे लिए .'' दोनों परिजनों के सदस्यों ने तो वर-वधू को आर्शीर्वाद दिए तो पुलिसकर्मियों ने नवदंपति को उपहार देकर नए जीवन की शुभकामनाएं दी. इस शादी समारोह में भले ही परिजन और पुलिस के अलावे कोई मित्र और बैंड बाजा पार्टी नहीं थी लेकिन इस विवाह के बाद दोनों परिजन खुश हैं. इस शादी की चर्चा पूरे शहर में है, जहां लोग पुलिस के सहयोग की तारीफ कर रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- दोनों के परिजन इसके लिए तैयार नहीं थे
- महिला थाना पहुंचकर अपनी समस्या से पुलिस अधिकारी को अवगत कराया
Source : IANS