जहां एक ओर राज्य सरकार 'बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ' के तहत योजना चलाकर समाज को जागरूक कर रही है तो दूसरी ओर जमुई जिले के गिद्धौर थाना अंतर्गत मोरा गांव निवासी मो. गुलाम अंसारी की बेटी रजीना खातून को उसके पति मो. उमर फारुख ने एक कॉल कर तलाक का फैसला सुना दिया. महिला की गलती महज इतनी थी कि उसने दोबारा से एक बेबी गर्ल को जन्म दिया था. घटना के बाद पीड़िता ने गिद्धौर थाने में पति व ससुराल वालों के खिलाफ दहेज के लिए प्रताड़ित करने को लेकर प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी. वहीं, एफआईआर दर्ज करवाए करीब तीन महीने बीत चुके हैं. बावजूद इसके पुलिस ने उसके पति और ससुराल वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. थक-हारकर आखिरकार पीड़िता समाहरणालय पहुंची, जहां एसपी शौर्य सुमन को आवेदन देते हुए न्याय की गुहार लगाई है. वहीं, न्याय नहीं मिलने पर आत्महत्या करने की धमकी भी दी है.
बेटी के जन्म से ससुराल वाले थे नाखुश
बताया जा रहा है कि मोरा गांव निवासी रजीना खातून की शादी 6 साल पहले गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र के अलखपूरा गांव निवासी मो. सिराज उद्दीन के पुत्र मो. उमर फारूक के साथ हुई थी. शादी के बाद रजीना को एक पुत्री हुई थी. वहीं, जैसे ही कुछ सालों बाद महिला ने दूसरी बेटी को जन्म दिया, उसके पति और ससुराल वाले नाराज हो गए. जिस वजह से उसे लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था. इसको लेकर 30 नवंबर, 2022 को उसके पति ने रजीना खातून को फोन किया और उसे तीन बार तलाक-तलाक कर बताया कि उसने उसे तलाक दे दिया है.
कॉल पर पति ने तीन बार कह दिया तलाक, तलाक, तलाक
बता दें कि एक तरफ समाज महिला और पुरुष की समानता की बता करता है. सरकार और प्रशासन की तरफ से तमाम तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं. वहीं दूसरी ओर धरातलीय सच्चाई कुछ ओर ही देखने को मिलता है. क्या बेटी होने की वजह से किसी महिला को तलाक देना सही है. आखिर कब तक इस देश में बेटियों को बेटे के बराबर समझा जाएगा क्योंकि जिस तरह की घटना देखने को मिल रही है, वह कथनी और करनी पर बड़ा सवाल खड़ा करता है.
HIGHLIGHTS
- जमुई से चौंकाने वाली खबर
- बेटी के जन्म से ससुराल वाले थे नाखुश
- फोन पर पति ने दिया तलाक
- तीन बार कह दिया तलाक, तलाक, तलाक
Source : News State Bihar Jharkhand