बिहार के डिप्टी सीएम सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव शुरू से ही स्वास्थ्य महकमे की खामियों को दूर करने में लगे हुए हैं. समय-समय पर लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई भी करते रहते हैं. खुद रात-रात में अस्पतालों का औचक निरीक्षण करते रहते हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों के कानों पर जूं नहीं रेंगती. वैसे तो डॉक्टरों की कई लापरवाहियां समय-समय पर आती रही हैं लेकिन इस बार तो हद ही हो गई है. दरअसल खगड़िया के अलौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवार नियोजन कराने आईं महिलाओं का ऑपरेशन बिना बेहोशी का इंजेक्शन लगाए कर दिया गया.
हाथ-पैर पकड़कर किया ऑपरेशन
परिवार नियोजन के नाम पर खगड़िया में महिलाओं की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है. अलौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवार नियोजन (नसबंदी) कराने आईं कई महिलाओं का आरोप है कि उन्हें बिना बेहोशी की इंजेक्शन दिए ही जबरन ऑपरेशन किया गया. पीड़ित महिलाओं का ये भी आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान स्वास्थ्य कर्मी हाथ, पैर पकड़कर और मुंह बन्द करके जबरन ऑपरेशन करा रहे हैं.
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CS ने कही कार्रवाई की बात
मिली जानकारी के मुताबिक, ग्लोबल डेवलपमेंट इनीटीवेट नाम की प्राइवेट एजेंसी ने इन महिलाओं का ऑपरेशन कराया है. वहीं सिविल सर्जन डॉक्टर अमरनाथ झा से इस मामले में बात की गई तो उन्होंने बताया कि अलौली मामले की जांच की जाएगी. रिपोर्ट आने पर कार्रवाई होगी.
परबत्ता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी हुआ था ऐसा
वैसे ये पहला मौका नहीं है जब इस तरह की लापरवाही किसी स्वास्थ्य केंद्र में देखी गई हो. इससे पहले इसी महीने में परबत्ता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी इसी तरह की लापरवाही सामने आईं थीं. जहां महिलाओं को परिवार नियोजन करने से पहले फर्श पर घंटों लेटाया गया था. यानि कि ये कहना सही होगा कि प्राइवेट एजेंसी महिलाओं के जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है और जिला प्रशासन मूक दर्शक बना है.
Source : News State Bihar Jharkhand