कोरोना वायरस (Corona Virus) से निपटने के लिए जब पूरी दुनिया जूझ रही है, ऐसे वक्त में बिहार में अंध-विश्वास ने लोगों को अपने आगोश में लेना शुरू कर दिया है. यहां की महिलाएं अब कोरोना वायरस से निजात के लिए 'कोरोना मईया' की पूजा करने लगीं हैं. लौंग-लड्डू को रख गड्ढे में पानी भरकर कोरोना वायरस से निजात की कामना कर रही हैं. सबसे आश्चर्यजनक बात है कि बिहार (Bihar) की राजधानी पटना में भी मुख्यमंत्री आवास से चंद कदम की दूरी पर महिलाएं 'कोरोना माता' की पूजा कर रही हैं.
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बिहार में कोरोना वायरस के मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है. राज्य में इस घातक वायरस से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 6 हजार के पार हो गया है. मगर बिहार में वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर उपजे अंधविश्वास ने बिहार में कोरोना को 'माई' (देवी) बना दिया है. बिहार की राजधानी पटना के अलावा नालंदा, गोपालगंज, सारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर समेत कई जिलों में कोरोना को दूर करने के लिए कोरोना देवी की पूजा की जा रही है. महिलाएं समूह बनाकर जलाशयों के किनारे पहुंचकर 'कोरोना देवी' की पूजा कर रही हैं. यह सिलसिला कई दिनों से चल रहा है.
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अंधविश्वास की उपज 'कोरोना माई' की पूजा का विधान भी अलग है. अब तक जो सामने आया है, उसके अनुसार, कोरोना देवी की पूजा के लिए पहले 7 गड्ढे खोदे जाते हैं. फिर उसमें गुड़ का शर्बत, लौंग, इलायची, फूल और लड्डू को जमीन में दबा दिया जाता है. इसके बाद उस पर फूल चढ़ाया जाता और धूप-दीप की जाती है. यहां सबसे अहम बात यह है कि इस पूजा को सिर्फ महिलाएं ही करती हैं. कई इलाकों में 'कोरोना देवी' के लिए पुआ पकवान बनाकर भी पूजा करने की बात सामने आई है.
Source : News Nation Bureau