2022 जाने को है. लोग नए साल का इंतजार बेसब्री से कर रहे हैं. 31 दिसंबर के साथ ही 2022 भी बीते वर्षों की तरह इतिहास बनकर रह जाएगा. बिहार के सियासी गलियारों में 2022 में कई मामले ऐसे हुए जो सुर्खियों में रहे और इनकी गूंज सड़क से लेकर संसद तक हुई. कई ऐसे मौके आए जब सरकार को बैकफुट पर होना. इस साल ऐसे भी मौके आए जब सरकार के दल तो बदले लेकिन सीएम नीतीश कुमार ही रहे. इस साल ऐसा भी समय आया जो कल तक एक-दूसरे के साथी थे और बाद में दुश्मन बन गए. राजनीतिक गलियारों से लेकर सड़क तक संग्राम भी देखने को मिला. कुछ लोगों को रोजगार मिला तो भारी संख्या में युवाओं को रोजगार मांगने के बदले लाठियां खानी पड़ी. तो आइए हम आपको बताते हैं बिहार के उन मामलों के बारे में जो सुर्खियों में रहे.
अग्निपथ स्कीम को लेकर बवाल
बिहार में सेना में भर्ती होने के लिए अग्निपथ स्कीम को लेकर छात्रों ने जमकर आंदोलन किया. आंदोलन के क्रम में रेलवे लाइन, रेलवे बोगी तक क्षतिग्रस्त किए गए. अग्निपथ स्कीम को लेकर जून 2022 में बवाल हुआ था. आंदोलनकारियों ने दर्जनों ट्रेनों को फूंक दी थी. रेलवे ट्रैकों को उखाड़ दिया था. बिहार में कई ट्रेनों का संचालन बंद हो गया था और रेल यात्रियों को रास्ते में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. चारो तरफ आगजनी हो रही थी. हालांकि अग्निपथ स्कीम के खिलाफ देश के कई हिस्सों में आंदोलन हुए थे लेकिन सबसे भयावह तस्वीरें बिहार से देखने को मिली थी लेकिन केंद्र सरकार अपने फैसले पर अडिग रही और अग्निपथ स्कीम को वापस नहीं लिया. अग्निपथ स्कीम को लेकर हुए प्रदर्शन ना सिर्फ सुर्खियों में रही बल्किन इसकी गूंज सड़क से संसद तक गूंजी थी.
RRB-NTPC रिजल्ट में गड़बड़ी पर बवाल
पटना में ये RRB-NTPC परीक्षा में हुई गडबड़ियों को लेकर किया गया ये बवालन जनवरी 2022 में देखने को मिला था. वैसे तो बिहार के कई जिलों में प्रदर्शन हुआ था लेकिन पटना के राजीव नगर टर्मिनल पर हजारों की संख्या में छात्रों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. कई ट्रेने कैंसिल हुई थीं और कई ट्रेनों के रूट बदले गए थे. RRB-NTPC परीक्षा में धांधली का आरोप लगाकर छात्रों ने बिहार सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया था. इतना ही नहीं राजवी नगर ट्रमिनट को बंद कर दिया गया था. इस दौरान छात्रों को काबू में करने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ था. छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया था और आंसू गैस के गोलो तक दागे गए थे. छात्रों पर हुए लाठीचार्ज का मुद्दा सियासी गलियारों में खूब चर्चा का विषय बनी रहीं.
बिहार में महागठबंधन की सरकार
बिहार में 2022 में एक बार फिर से बड़ा सियासी भूचाल आया. दरअसल, सीएम नीतीश बीजेपी का साथ छोड़कर महागठबंधन दलों के साथ हो लिए. इससे केंद्र सरकार और बीजेपी पूरी तरीके से हिली नजर आई. हालांकि, बीजेपी के साथ सीएम नीतीश द्वारा ऐसा दूसरी बार किया गया था. सीएम नीतीश कुमार ने फिर से सीएम पद की शपथ ली और तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने. केंद्र की ओर से सभी मंत्रियों ने सीएम नीतीश कुमार पर जमकर तंज कसा, वहीं जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस भी बीजेपी और केंद्र पर पलटवार करती रही.
BPSC 67वीं पेपर लीक
मई माह में बीपीएससी 67वीं की पेपर लीक मामला भी सुर्खियों में रहा. प्रश्नपत्र आरा के कॉलेज में लीक हुए थे. इस मुद्दे पर जमकर राजनीति भी हुई. खासकर बीजेपी ने छात्रों का साथ दिया. इस मामले में कई बड़े लोगों की भूमिका भी सामने आई. आलम ये हो गए थे कि कई IAS अफसरों से भी पूछताछ की गई. BPSC पेपर लीक की वजह से बिहार सरकार की काफी किरकिरी हुई और अभ्यर्थियों ने सीबीआई जांच की मांग की. इतना ही नहीं परीक्षा नियंत्रक को भो हटाने की भी छात्रों ने मांग की.
छपरा शराब कांड
बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद छपरा में एक साथ सैकड़ों लोगों ने जहरीले शराब का सेवन किया. नतीजा ये हुआ की 70 से ज्यादा लोगों की शराब कांड में मौत हो गई. बिहार सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने से साफ-साफ मना कर दिया गया. वहीं, बीजेपी अभी भी मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग कर रही है. साथ ही बिहार में शराबबंदी कानून को धरातल पर लागू करने की मांग कर रही है. छपरा शराब कांड की गूंज सड़क से संसद तक गूंजी.
BSSC पेपर लीक
साल 2022 के अंतिम दिनों में यानि 23 दिसंबर को BSSC प्रथम पाली का प्रश्न पत्र एक्जाम शुरू होने के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस मामले की जांच EOW कर रही है. वहीं. छात्रों द्वारा विरोध जताए जाने के बाद सरकार और आयोग को परीक्षा रद्द करनी पड़ी और फिर से परीक्षा 45 दिनों में कराई जाने का आश्वासन दिया गया. BSSC परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के मामले की जांच बीजेपी ने सीबीआई से कराने की मांग की है.
Source : Shailendra Kumar Shukla