IAS केके पाठक के खिलाफ पीत पत्र: 'अनामता के सिद्धान्त', 'मीडिया पर पाबंदी'... और भी बहुत कुछ लिखा है

ऐसे में अब देखना होगा कि इस पीत पत्र का जवाब ACS केके पाठक किस तरीके से देते हैं या फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन तमाम मामलों में हस्तक्षेप करते हैं.

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Shailendra Shukla
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फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

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बिहार के शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के ACS केके पाठक के बीच बीते दिन अनबन देखने को मिली हैं. जिसके बाद शिक्षा मंत्री ने अपने ही विभाग के ACS केके पाठक के खिलाफ पीत पत्र जारी कर दिया. जिसमें शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने लिखा कि सरकार के कार्यशैली के खिलाफ ACS केके पाठक काम कर रहे हैं. शिक्षा मंत्री ने इसके साथ-साथ अपने विभाग के कई सचिवों के खिलाफ भी पीत पत्र लिखा है. ऐसे में अब देखना होगा कि इस पीत पत्र का जवाब ACS केके पाठक किस तरीके से देते हैं या फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन तमाम मामलों में हस्तक्षेप करते हैं. फिलहाल तो ये जान लेते हैं कि पीत पत्र में आखिर लिखा क्या गया है.

सबसे पहले तो पत्र में तमाम तरह की नाराजगी जाहिर की गई है. पत्र में लिखा गया है कि निदेशानुसार अवगत कराना है कि पिछले कई दिनों से मा. मंत्री, शिक्षा विभाग द्वारा यह महसूस किया जा रहा है कि विभाग मीडिया में नकारात्मक खबरों से अधिक चर्चा में रहा है. विभाग से संबंधित कोई भी पत्र / संकल्प आदि विभागीय पदाधिकारियों / मंत्री कोषांग में पहुंचने से पूर्व ही सोशल मीडिया / युट्युब चैनलों तथा विभिन्न वॉट्सऐप ग्रुप में पारेषित होने लगते है. शिक्षा विभाग में ज्ञान से अधिक चर्चा कड़क, सीधा करने, नट बोल्ट टाईट करने, शौचालय सफाई, झारू मारने, ड्रेस पहनने, फोड़ने, डराने, पेंट गिली करने, नकेल कसने वेतन काटने, निलम्बित करने, उखाड़ देने, फाड़ देने जैसे शब्दों का हो रहा है. हद तो तब हो गई जब कार्यालय अवधि समाप्ति के पश्चात् कार्य कर रहे एक निदेशक के कक्ष से टी०वी० चैनल वाले लाइव टेलीकास्ट करते देखे गए. टी०वी० रिर्पोटर उनसे पूछताछ भी कर रहे थे और वे विश्रान्ति से जबाब दे रहे थे.

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पत्र में आगे लिखा गया है कि यह भी संज्ञान में आया है कि कई रिर्पोटर / यू ट्युबर आदि को किसी अदृश्य व्यक्ति द्वारा विभागीय अधिकारी के दौरे / निरीक्षण की जानकारी पहले से ही प्राप्त हो जाती है तथा निरीक्षत स्थलों पर वे पहले से मौजूद रहते है.अवलोकित है कि वरीय अधिकारी द्वारा बंद कमरे में ली जा रही मीटींग आदि से संबंधित खबर भी मीडिया में द्रुत गति से संचारित हो जाते है. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि किसी खास व्यक्ति द्वारा  निहित स्वार्थो की पूर्त्ति अथवा सरकार की छवि कुप्रभावित करने के उद्देश्य से विभागीय आन्तरिक खबरों को मीडिया में प्लांट किया जा रहा है.

पत्र में आगे लिखा गया है कि विभाग से जुड़ी महत्वपूर्ण व जनमानस से सरोकार रखने वाले खबरों को राज्य सरकार की घोषित नीति के अनुरूप प्रसारित करने पर किसी को आपत्ति नहीं है, परन्तु नकारात्मक खबरों से विभाग व सरकार की छवि धुमिल हो रही है. विभागीय अधिकारियों का उपरोक्त कृत्य बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली, 1976 के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन है. साथ ही बिहार सरकार की सामाचार माध्यमों को खबर देने की सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा निर्धारित नियमों के विपरीत है. मा० मंत्री ने इस पर काफी  अप्रसन्नता व्यक्त किया है तथा निम्न निर्देश दिया है.

1. विभाग से संबंधित खबरों को मीडिया में रखने के लिए IPRD द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन किया जाय.

2. अगर भवदीय इसकी आवश्यकता समझते है तो किसी जिम्मेदार एवं वरिष्ठ अधिकारी को PRO ( जन सम्पर्क पदाधिकारी) नामित किया जाय तथा वे सभी निदेशालय / कोषांग संबंधित अधिकारी से सम्पर्क व समन्वय स्थापित कर सकरात्मक खबरों को प्रकाशनार्थ भेज सकेंगे. मीडिया को जारी विभागीय प्रेस विज्ञप्ति की प्रतिलिपि मंत्री कोषांग में भी उपलब्ध करायी जाय.

3. सभी विभागीय अधिकारी को अपने स्तर से निर्देश देना चाहेंगे कि वे बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली के सुसंगत प्रावधानों के तहत कोई भी विभागीय खबर लीक करने अथवा कोई विभागीय पत्र का प्रतिरूप देने पर दण्ड के भागी बन सकते है. लोक सेवक के मीडिया से सम्बन्ध पर राज्य सरकार के दिशा निर्देश से सभी को अवगत कराया जाय.

4. समाज में मानसिक व समाजिक क्रांति का आधार शिक्षा है. शिक्षा के आधार पर बदलाव भी धीरे-धीरे परन्तु सुदृढ़ होता है. इसलिए इसका ख्याल रखा जाय कि विभाग की सकारात्मक खबरें प्रकाशित हो तथा पुलिस / आर्मी / नगर निगम के कार्यों से संबंधित खबरें अधिक स्थान ना प्राप्त कर सकें.

5. यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी लोक सेवक अपने छवि को चमकाने, व्यक्तिगत अहंवाद की पूर्ति, निजी स्वार्थ की पूर्ति, राजनैतिक नेतृत्व के नजर में स्थान बनाने, राबिनहुड की छवि बनाने अथवा नायक चलचित्र के अभिनेता के समान छवि गढ़ने के लिए विभाग के संसाधनों तथा सरकार का सहारा ना ले सके. अगर कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उन्हें चिन्हित कर उनके विरूद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव दिया जाय.

6. विभाग से संबंधित खबरों को सनसनीखेज, नाटकीय, उत्तेजक, कोलाहलमय, खलबली मचाने वाला, विस्मयकारी, आश्चर्यजनक, आलंकारिक व चौंधानेवाला बनाकर पेश करने वाले न्यूज चैनलों के विरूद्ध सुसंगत कार्रवाई की जाय . अगर इसमें विभागीय अधिकारी, संविदा कर्मी अथवा बाह्य व्यक्ति शामिल है तो चिन्हित कर कार्रवाई की जाय. अगर संभव हो तो सरकारी जांच एजेन्सी की मदद ली जाय .

7. वर्त्तमान में महागठबंधन सरकार का लक्ष्य दस लाख सरकारी नौकरी व दस लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना प्रत्येक जिले में सिमुतल्ला के तर्ज पर मॉडल आवासीय विद्यालय खोलना, विदेश अध्ययन हेतु छात्रवृति उपलब्ध कराना, RTE के तहत 25 प्रतिशत बच्चों के नामांकन की पारदर्शी व्यवस्था हेतु पोर्टल पर ऑनलाईन सुविधा उपलब्ध कराना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों का Enriched Training Programme आयोजित करवाना, नियमित वर्ग कक्ष संचालन करना, सभी विद्यालयों में आधारभूत संरचना उपलब्ध कराना, सभी विद्यालयों को भवनयुक्त बनाना, विद्यालयों के जर्जर भवनों का मरम्मतीकरण करवाना, विद्यालयों में गुणवर्त्तापूर्ण भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना विश्वविद्यालयों के विलम्बित सत्रों को नियमित करना, शोध के लिए राज्य सरकार द्वारा फेलोशिप देना, प्री०पी०एच०डी० हेतु राज्य के सभी विश्वविद्यालयों की सम्मिलित परीक्षा आयोजित करवाना, जुलाई, 2023 में उर्दु / अरबी / फारसी सहित सभी छुटे विषयों का STET आयोजित करना आदि जैसे प्रमुख कार्यक्रम है. भवदीय से अपेक्षा है कि इनसे संबंधित कृत कार्रवाई तथा नित्य विकास की खबरों को मीडिया में सम्प्रेषित करने पर ध्यान केन्द्रित किया जाय.

8. भवदीय अवगत होंगे कि लोक प्रशासन 'अनामता के सिद्धान्त' का पालन करता है तथा राजनीतिक व्यक्तियों को इसके कार्यों का श्रेय जाता है. मंत्री ही उन कार्यों की जिम्मेदारी लेता है जो काम उसके अन्तर्गत काम कर रहे लोक सेवक करते है. स्पष्ट है कि लोक सेवक को तटस्थता, निष्पक्षता और अनामता के सिद्धान्त का पालन करना चाहिए. कोई भी लोक सेवक स्वयं से संबंधित खबर को न्यूज में कभी नही फैलाता है.

HIGHLIGHTS

  • शिक्षामंत्री ने आईएएस केके पाठक को जारी किया पीत पत्र
  • मीडिया में फेमस ना होने की दी सलाह
  • मीडियाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की दी सलाह
  • 8 विंदुओं में जतया है अपना विरोध

Source : News State Bihar Jharkhand

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