घर से लापता जिस बेटे का मां-बाप ने अंतिम संस्कार कर दिया था वहीं बेटा 7 सालों बाद घर वापस लौट आया. ये घटना दानापुर के आशोपुर गांव की है, जहां 7 साल बाद युवक के घर लौटने से घर में खुशियां लौट आयी है. कहते हैं कि अपनों के खो जाने का गम उनसे पूछो जिसने किसी अपने को खोया है, लेकिन वही शख्स अगर घर लौट आए तो सारे गम उसके चेहरे को देखने के साथ खत्म हो जाते हैं. बुजुर्ग माता-पिता के पास खड़ा ये वहीं बेटा है, जिसके लापता होने के बाद उस मरा हुआ समझकर माता-पिता ने उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था, लेकिन अब उसके वापस लौट आने के बाद परिवार में एक बार फिर से खुशियां लौट आयी हैं.
साल 2016 में घर से अचानक चला गया था बिहारी राय
धुंधली पड़ चुकी नजरें और ना-उम्मीद से भरे जीवन में जहां एक फिर से खुशियां लौटी है. वहीं, गांव में भी युवक के लौट आने के बाद से लोग भी खुशी का माहौल है. परिजनों के मुताबिक उनके बेटे की साल 2005 में शादी हुई थी, लेकिन शादी के कुछ साल बाद उसकी पत्नी की बिमारी के चलते मौत हो गई. इससे उनके बेटे का मानसिक संतुलन बिगड़ गया था और कुछ दिन के बाद वो घर छोड़कर अचानक कहीं चला गया था, जिसके तकरीबन 7 महीने बाद वो वापस घर भी लौट आया, लेकिन साल 2016 में एक बार फिर वो घर से कहीं चला गया और फिर वापस नहीं लौटा.
माता-पिता ने कर दिया था अंतिम संस्कार
घर से अचानक बेटे के चले जाने के बाद माता-पिता काफी परेशान हो गए. उन्होंने जहां-तहां बेटे की तलाश भी की, लेकिन उन्हें हर जगह से निराशा हाथ लगी. बेटे की खोज में माता-पिता ने पुलिस थाने में आवेदन भी दिया, लेकिन उनके बेटे का कहीं कुछ पता नहीं चला. आखिर में उन्होंने गांव के लोगों के कहने पर एक तांत्रिक के पास गए.. जहां पर तांत्रिकों ने कहा कि उनके बेटे की आत्मा भटक रही है. उसका अंतिम संस्कार कर दें, जिससे उसकी आत्मा को शांति मिले. जिसके बाद माता-पिता ने अपने बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया और घर में एक स्थान देकर उसकी पूजा करना शुरू कर दिया. वहीं, अब बेटे के लौट आने पर मां-बाप हैरान होने के साथ-साथ खुश भी हैं.
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बेटे के वापस आने से घर में लौटी खुशियां
गांव वालों के मुताबिक युवक के घर लौटते ही वो अपनी मां से लिपटकर रोने लगा. मुखिया शत्रुघ्न कुमार ने बताया कि दिल्ली से पुलिस टीम ने उन्हें फोन पर बताया कि आशोपुर का युवक यहां एक संस्था में रह रहा है. जिसके बाद उसने परिजनों को सूचना दी और अपने खर्च पर बिहारी राय को घर वापस लाने के लिए उसके पिता को भेजा और उसे वापस घर लाया गया. जानकारी के मुताबिक बिहारी राय ट्रेन से गिरकर घायल हो गया था. जिससे उसका हाथ-पैर काम नहीं कर रहा था. अस्पताल में इलाज के बाद अस्पताल प्रशासन ने उसे दिल्ली में एक संस्था के हवाले कर दिया गया था.
उम्मीद खो चुके माता-पिता को मिला सहारा
अब उम्र के इस पड़ाव पर उम्मीद खो चुके माता-पिता को जीने का सहारा मिला है. जिससे उनके चेहरे पर सुकून का भाव झलक रहा है और आखिर हो भी ना क्यों. जिस बेटे को ढूंढते-ढूंढते कई साल गंवाने के बाद उसके मिलने की उम्मीद छोड़कर उसका अंतिम संस्कार कर चुके मां-बाप के पास अब उनका बेटा, उनके बुढ़ापे की लाठी वापस आ गई है.
रिपोर्ट : पंकज राज
HIGHLIGHTS
- माता-पिता ने कर दिया था अंतिम संस्कार
- साल 2016 में घर से अचानक चला गया था बिहारी राय
- माता-पिता ने मरा समझकर किया अंतिम संस्कार
- बेटे के वापस आने से घर में लौटी खुशियां
Source : News State Bihar Jharkhand