कल पेश होने वाले बजट को लेकर सबसे ज्यादा उत्साहित प्रदेश का युवा वर्ग है, जो बेरोजगारी की मार झेल रहा है. युवाओं को उम्मीद है कि इस बार सरकार उनके रोजगार, शिक्षा और कारोबार के लिए बजट में खास प्रावधान करेगी. किसी भी राज्य का जब बजट पेश होता है तो लोगों की निगाहें बजट के पिटारे पर टिकी होती है. बिहार का इस साल का बजट इसलिए भी खास है क्योंकि ये महागठबंधन सरकार का पहला बजट होने वाला है. ऐसे में प्रदेश सरकार के साथ ही जनता भी बेहत उत्साहित है.
बेरोजगारी की जड़ है लचर शिक्षा व्यवस्था
2024 के चुनावी रण से पहले पेश होने वाले इस बजट को लेकर राजधानी पटना की जनता का क्या कहना है ये जानने के लिए हमारी टीम ने पटना की गलियों को छाना, तो सबसे पहले मुद्दा उठा बेरोजगारी का. बिहार में बेरोजगारी युवाओं के लिए सबसे बड़ी परेशानी है और बेरोजगारी की जड़ है लचर शिक्षा व्यवस्था. प्रदेश में आईटी के क्षेत्र में रोजगार के विस्तार की भी मांग है. बिहार के युवाओं को उनके शहर और उनके गांव में ही रोजगार की दरकार है.
ये है किसानों की उम्मीदें
बिहार में खेती और किसानों को लेकर बड़ी-बड़ी बातें होती हैं. सभी सियासी दल खुद को किसानों के हितैषी होने का दावा करते हैं. ऐसे में हमारी टीम ने किसानों से बातचीत कर बजट से उनकी उम्मीदें जानने की कोशिश की. किसानों का कहना था कि खेती के लिए उन्हें ना तो बीज मिलती है, ना ही सिंचाई की कोई व्यवस्था. बिहार में कृषि बजट भी दूसरे राज्यों की तुलना में कम है. ऐसे में किसानों को आस है कि इस बार के बजट में सरकार उन पर ध्यान देगी. बिहार के किसानों के लिए बिचौलिये भी किसी सिरदर्द से कम नहीं.
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा
अब बात महिलाओं की, बिहार में बीते कुछ सालों में महिला सशक्तिकरण को काफी बढ़ावा मिला है. सरकार की कई नीतियों ऐसी है जो ना सिर्फ महिलाओं की शिक्षा पर जोर देती है बल्कि उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए उनकी मदद भी करती है. हालांकि महिलाओं का कहना है कि सरकार महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अच्छा कर रही है, लेकिन अभी जरूरत है कि महिलाओं को उनके पैरों पर खड़ा किया जाए और इसके लिए सरकार की मदद बेहद जरूरी है. महिला कारोबारियों की मांग है कि सरकार इस बार के बजट में उनके लिए खास प्रावधान करें और सब्सिडी पर लोन मुहैया कराए.
युवा वर्ग हो, किसान हो या कारोबारी. सभी को इस बार के बजट से कई उम्मीदें है. अब इन उम्मीदों पर बिहार सरकार कितनी खरी उतरती है ये तो 28 फरवरी को ही पता चल पाएगा.