दिल्ली के मयूर विहार में खुले डीडीए नाले में गिरने से मां और बेटे की मौत पर दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में दोषी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है. इसके साथ ही इस याचिका में बाढ़ शमन उपायों समेत सभी चल रहे नाली निर्माण का ऑडिट कराने की भी मांग की गई है. इस याचिका पर हाईकोर्ट 5 अगस्त को सुनवाई करेगा. याचिका में कहा गया है कि दोषी ठेकेदार इस दुर्घटना में मृत तनुजा और उसके बेटे प्रियांश से जुड़ी दुखद घटना के लिए जिम्मेदार हैं. याचिका में तनुजा और प्रियांश के परिवारों को पर्याप्त मुआवजा देने की भी मांग की गई है.
जानें क्या है पूरा मामला
बता दें कि राजधानी दिल्ली के मयूर विहार इलाके में बुधवार को सबसे अधिक 142 मिमी बारिश दर्ज की गई. बारिश के चलते सड़क और नालों इतना पानी भर गया कि कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. इसके साथ ही गाजीपुर इलाका जलमग्न हो गया. इस दौरान खोड़ा कॉलोनी में रहने वाली तनुजा बिष्ट अपने तीन साल के बेटे प्रियांशु को गोद में लेकर साप्ताहिक बाजार से घर वापस आ रही थीं.
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भारी बारिश के चलते सड़क और नाले में पानी भर गया. जिसके चलते वह नाले को देख नहीं पाईं और 15 फुट गहरे डीडीए के खुले नाले में गिर गई. उनका बेटा भी उनके साथ नाले में गिर गया. उन्हें बचाने के चक्कर में तनुजा की एक रिश्तेदार पिंकी भी नाले में गिर गई लेकिन वहां मौजूद लोगों ने उन्हें बचा लिया.
उत्तराखंड की रहने वाली थीं तनुजा
तनुजा बिष्ट मूलरूप से उत्तराखंड के रानीखेत के भटकोल गांव की रहने वाली थीं. वह और उनके पति गोविंद बिष्ट गाजीपुर से सटे खोड़ा कॉलोनी में रहते थे. गोविंद बिष्ट के परिवार में उनकी पत्नी तनुजा, इकलौता बेटा प्रियांशु, पिता गिरधर और तीन भाई है. उनका एक भाई सेना में है.
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याचिका में की गईं ये मांग
दिल्ली के मयूर विहार में खुले डीडीए नाले में गिरने से मां-बेटे की मौत के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में दोषी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करन की मांग की गई है. इसके साथ ही बाढ़ शमन उपायों समेत चल रहे सभी नालियों के निर्माण के ऑडिट की भी मांग की गई है. साथ ही मृतकों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा देने की भी मांग की गई है.
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