Advertisment

दिल्ली के उपराज्यपाल की शक्तियों में हुआ इजाफा, बोर्ड-पैनल बनाने के साथ मिला नियुक्तियों का अधिकार

Delhi LG Power Increased: केंद्र ने दिल्ली के उपराज्यपाल की शक्तियों में इजाफा कर दिया है. इसी के साथ एलजी के पास अब अथॉरिटी, बोर्ड, कमीशन या वैधानिक निकाय का गठन करने का भी अधिकार पहुंच गया है.

author-image
Suhel Khan
New Update
Vinay Kumar Saxena
Advertisment

Delhi LG Power Increased: केंद्र सरकार ने दिल्ली के उपराज्यपाल की शक्तियों में बढ़ोतरी कर दी है. इसी के साथ अब दिल्ली के उपराज्यपाल के पास राजधानी में अथॉरिटी, बोर्ड, कमीशन या वैधानिक निकाय का गठन करने का भी अधिकार मिल गया है. यही नहीं एलजी के पास सभी बॉडीज में मेंबर्स की नियुक्तियां का भी अधिकार मिल गया है. केंद्र ने एलजी की ये शक्तियां एमसीडी में 12 वार्ड समितियों के चुनाव से ठीक पहले बढ़ाई हैं. बता दें कि इससे पहले ये सभी अधिकार दिल्ली सरकार के पास थे.

गृह मंत्रालय ने मंगलवार देर रात दिल्ली के उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ाने से संबंधित एक नोटिफिकेशन जारी किया. मंत्रालय के मुताबिक, यह फैसला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 के तहत लिया गया है. गजट ​नोटिफिकेशन में कहा गया है कि, "राष्ट्रपति ने संसद द्वारा अधिनियमित कानूनों के तहत दिल्ली के लिए किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या वैधानिक निकाय का गठन और सदस्यों की नियुक्ति करने की शक्ति उपराज्यपाल को सौंप दी है."

ये भी पढ़ें: PM Modi Tour: दुनिया के सबसे बड़े महल में आज लंच करेंगे पीएम मोदी, ब्रुनेई सुल्तान से मुलाकात के बाद सिंगापुर के लिए होंगे रवाना

शक्तियां बढ़ते ही LG ने नियुक्त किए पीठासीन

बता दें कि केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली नगर निगम (MCD) के 12 वार्ड समितियों के चुनाव आज यानी बुधवार को होने हैं. वहीं दूसरी और शक्तियां बढ़ने के तुरंत बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बड़ा कदम उठाते हुए MCD वार्ड समिति चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारियों की भी नियुक्ति कर दी. उन्होंने एमसीडी के सभी सभी जोन के उपायुक्तों को पीठासीन अधिकारी बनाया है.

इससे पहले दिल्ली की मेयर शैली ओबराय ने वार्ड समितियों के चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्त करने से इनकार कर दिया था. इस बीच केंद्र सरकार ने उपराज्यपाल की ताकत बढ़ाते हुए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का भी अधिकार उन्हें दे दिया. इसी के साथ उपराज्यपाल ने आदेश दिया है कि अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और स्थायी समिति के सदस्यों के पदों के लिए चुनाव 4 सितंबर को ही होगा.

ये भी पढ़ें: Kolkata Rape Case: संदीप घोष को थप्पड़ मारने की कोशिश, भीड़ ने लगाए चोर-चोर के नारे

बता दें कि वार्ड समितियों के चुनाव कराने के लिए नामांकन भरने की प्रक्रिया 30 अगस्त तक चली. एमसीडी कमिश्नर अश्वनी कुमार ने पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने के लिए फाइल भेजी थी, लेकिन मेयर शैली ओबेरॉय ने नियुक्ति करने से इनकार कर दिया था. लेकिन एलजी के पास इसकी शक्ति मिलते ही उन्होंने पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति कर दी.

एलजी के पास MCD में पार्षद की नियुक्त का अधिकार

दिल्ली के उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ने के साथ ही अब एमसीडी में सीधे पार्षद नियुक्त करने का भी अधिकार मिल गया है. इसके लिए उन्हें अब दिल्ली सरकार से सलाह लेने की जरूरत नहीं होगी. बता दें कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में था, 5 अगस्त को शीर्ष कोर्ट ने कहा कि दिल्ली नगर निगम में 10 मेंबर नॉमिनेट करने के उपराज्यपाल के फैसले को मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह की जरूरत नहीं होगी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल के 10 मेंबर नियुक्त करने के फैसले को बरकरार रखा था. बता दें कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की ओर से इस साल 1 और 4 जनवरी को ऑर्डर और नोटिफिकेशन जारी करके 10 मेंबर की नियुक्ति की गई थी. इसके खिलाफ दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी.

ये भी पढ़ें: यूपी वासियों को मिली पहली स्लीपर वंदे भारत की सौगात, जानें क्या है ट्रेन की खासियत

केंद्र की अधिसूचना में दी गई ये जानकारी

बता दें कि अभी ये नोटिफिकेशन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली शासन अधिनियम, 1991 (1992 का 1) की धारा 45डी के साथ संविधान के अनुच्छेद 239 के खंड (1) के तहत जारी की गई है. जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति के निर्देशानुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल, राष्ट्रपति के नियंत्रण के अधीन रहते हुए तथा अगले आदेश तक उक्त अधिनियम की धारा 45डी के खंड (क) के अधीन राष्ट्रपति की शक्तियों का प्रयोग किसी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी वैधानिक निकाय के गठन के लिए करेंगे. नोटिफिकेशन में आगे कहा गया है कि चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाता हो या ऐसे प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी वैधानिक निकाय में किसी सरकारी अधिकारी या पदेन सदस्य की नियुक्ति के लिए करेंगे.

संविधान का अनुच्छेद 239 केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन से संबंधित है. इसमें कहा गया है, संसद द्वारा कानून द्वारा अन्यथा प्रदान किए गए को छोड़कर, प्रत्येक केंद्र शासित प्रदेश को राष्ट्रपति द्वारा उस सीमा तक प्रशासित किया जाएगा, जहां तक ​​वह उचित समझे. एक प्रशासक के माध्यम से जिसे वह निर्दिष्ट पदनाम के साथ नियुक्त करेगा.

Modi Government central government Delhi LG delhi lg vinay kumar saxena Vinay Kumar Saxena
Advertisment
Advertisment
Advertisment