अनुकंपा नियुक्ति के लिए 10 हजार रुपये की रिश्वत लेने वाले साउथ इस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड (एसइसीएल) चिरमिरी के उप-प्रबंधक तत्कालीन जफर मोहम्मद और सहायक लोडिंग लिपिक रघुनाथ शॉ को सीबीआई की विशेष अदालत ने चार-चार साल की सजा और 50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है.
सीबीआई के लोक अभियोजक रजत कुमार श्रीवास्तव ने बताया, चिरमिरी निवासी दिपेन्द्र साहू के पिता रमेश साहू एसइसीएल रानी अटारी कॉलोनी में कन्वेयर बेल्ट ऑपरेटर के पद पर कार्यरत थे. 2013 में उनकी मौत हो गई थी.
इसके बाद उनके पुत्र दिपेन्द्र ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया था. आवेदन को मंजूर करने के एवज में उप महाप्रबंधक जफर मोहम्मद ने 10 हजार रिश्वत मांगी थी.
दिपेन्द्र ने इसकी शिकायत सीबीआई से की थी. इसकी जांच करने के बाद 20 जून 2013 को सीबीआई ने एसइसीएल के सहायक लोडिंग लिपिक रघुनाथ शॉ को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था.
पूछताछ में उसने बताया कि जफर ने उसे रिश्वत लेने के लिए कहा था. उससे मिली जानकारी के आधार पर सीबीआई आरोपी रघुनाथ को लेकर जफर मोहम्मद के घर पहुंची और उसके रिश्वत देने तक इंतजार किया. आरोपी जफर को जैसे ही पकड़े जाने का एहसास हुआ वह अपनी घर की दीवार फांद कर भागने की कोशिश करने लगा.
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इसी दौरान सीबीआई ने उसे घेराबंदी कर पकड़ लिया. इस मामले में सीबीआई ने जांच करने के बाद 21 अगस्त 2013 को कोर्ट में चालान पेश किया गया.
विशेष न्यायाधीश सीबीआई सुनील कुमार नंदे ने मामले गंभीरता को देखते हुए दोनों ही आरोपियों को 50 हजार रुपए और 4-4 साल की सजा सुनाते हुए दोनों ही आरोपियों को जेल भेज दिया.
Source : News Nation Bureau