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सुकमा के बाद अब बीजापुर में जवान ने खुद को मारी गोली

बीजापुर में एक जवान ने खुद को गोली मार ली. उसे गंभीर हालत में जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत गंभीर है. उमेश बेलादी सहायक आरक्षक के पद पर नया लाइन में पदस्‍थ था. उमेश ने खुदकुशी की कोशिश क्‍यों की इसका पता अभी नहीं चल पाया है.

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Drigraj Madheshia
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सुकमा के बाद अब बीजापुर में जवान ने खुद को मारी गोली

प्रतीकात्मक तस्वीर

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बीजापुर में एक जवान ने खुद को गोली मार ली. उसे गंभीर हालत में जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत गंभीर है. उमेश बेलादी सहायक आरक्षक के  पद पर नया लाइन में पदस्‍थ था. उमेश ने खुदकुशी की कोशिश क्‍यों की इसका पता अभी नहीं चल पाया है. आचार संहिता लगने के बाद जवानों के द्वारा गोली मारने की यह तीसरी घटना है ,पहली घटना भिलाई  और दूसरी घटना सुकमा में हुई.

बता दें दो दिन पहले नक्सली इलाके में तैनात सीआरपीएफ के हवलदार ने खुद को गोली मारकर अपनी जान दे दी थी. महेंद्रगढ़ हरियाणा के रहने वाले कुलदीप सिंह (35) जिला मुख्यालय स्थित सीआरपीएफ सेकंड बटालियन के मुख्‍यालय में तैनात थे. हमेशा की तरह वह अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद रात करीब 3.30 बजे बैरक में लौटे. सुबह करीब 5.30 बजे उसने सर्विस रायफल से सीने पर गोली मार ली.

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सुबह-सुबह बैरक से गोली की आवाज सुनकर वहां हड़कंप मच गया. आस-पास के जवान वहां पहुंचे तो कुलदीप खून से लथपथ पडे़ थे. उन्‍हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां पर डॉक्‍टरों ने कुलदीप को मृत घोषित कर दिया. 

2017 में 36 सुरक्षाकर्मियों ने की थी आत्‍महत्‍या

छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में तैनात सुरक्षाकर्मियों द्वारा आत्महत्या करने के मामले बढ़ोत्तरी हुई है. 2017 में 36 सुरक्षाकर्मियों ने आत्महत्या कर ली थी. यह पिछले दस वर्षों में सबसे अधिक है.मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक छत्‍तीसगढ़ में पिछले एक दशक में सुरक्षाकर्मियों की आत्महत्या का सबसे अधिक आंकड़ा है और किसी एक साल का भी सबसे बड़ा आंकड़ा है. राज्य पुलिस और सीएपीएफ कर्मियों की आत्महत्या की सबसे ज्यादा संख्या 2009 में 13 थी.

छत्तीसगढ़ पुलिस के आंकड़ों की मानें तो 2007 से 2017 तक 115 से ज्यादा आत्महत्याएं दर्ज की गई हैं. छत्तीसगढ़ के 17 जिले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित हैं. सूत्रों का कहना है कि जवानों की आत्महत्या के प्रमुख वजहों में कठोर परिस्थितियों में काम, छुट्टी प्राप्त करने में कठिनाई, अवसाद और एक मामले में भाई का विवाह और होम सिकनेस हैं.

Source : News Nation Bureau

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