मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल बैठक में प्रदेश के 10 जिलों में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति, उनकी रोकथाम के उपायों और मरीजों के इलाज के लिए किए गए प्रबंधों की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों से एयरपोर्ट के साथ-साथ रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्डों और अंतर्राज्यीय सीमाओं पर बाहर से आने वाले यात्रियों की कड़ाई से टेस्टिंग कर उन्हें आवश्यकतानुसार क्वारेंटाइन सेंटर, आइसोलेशन में रखने और अस्पताल भेजने की व्यवस्था के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए चिकित्सा स्टॉफ सहित शासन-प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि बड़ी मेहनत के साथ काम कर रहे हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि बाहर से आने वाले प्रवासी लोगों की चेकपाइंट पर टेस्टिंग कर संक्रमित लोगों को चिन्हाकित कर उनके इलाज की समुचित व्यवस्था की जाए, ताकि इन लोगों से संक्रमण न फैलने पाए.
क्वारेंटाइन और होम आइसोलेशन वालों को टेलीमेडिसिन की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा संक्रमण के मामले आ रहे हैं, वहां गांवों में हर व्यक्ति की जांच के लिए विशेष अभियान चलाकर टेस्टिंग करने, उन्हे अलग रखने और उनकी मॉनीटरिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए. क्वारेंटाइन और होम आइसोलेशन वालों को टेलीमेडिसिन के माध्यम से सलाह देने की व्यवस्था की जाए. इसके लिए कंट्रोल रूम को सक्रिय किया जाए. उन्होंने लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के निर्देश देते हुए कहा कि चौक-चौराहों में भीड़ एकत्रित न हो. सभी जिलों से लगने वाले अंतर्राज्यीय बार्डर सील किए जाएं. उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर संक्रमण से बचने के लिए कोविड-19 की गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करें. साथ ही हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और सामाजिक संगठनों द्वारा किए जा रहे सराहनीय कार्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए. जिससे नकारात्मकता का माहौल न बनने पाए, इसका विशेष ध्यान रखें.
कलेक्टर भी समय-समय पर विभिन्न वर्गों के लोगों से बातचीत करे
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक संगठन, उद्योगपति और व्यापार जगत के लोग भी संकट के इस समय में प्रशासन के साथ सहयोग कर रहे हैं. हम लोग लगातार उनके संपर्क में हैं, कलेक्टर भी समय-समय पर विभिन्न वर्गों के लोगों से संवाद स्थापित करते रहें. यह भी ध्यान रखा जाए कि आम जनता की आवश्यक जरूरतों की पूर्ति में कोई व्यवधान न आने पाए. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को टेस्टिंग किट सहित जरूरी मेडिकल उपकरणों, ऑक्सीजन सिलेण्डर, रेमडेसिविर सहित आवश्यक दवाओं की उपलब्धता को निरंतर बनाए रखने के निर्देश दिए. आवश्यक दवाईयों की कालाबाजारी पर सख्ती से रोक लगाई जाए. सभी जिलों में जरूरत के अनुसार मेडिकल स्टॉफ की भर्ती तत्काल की जाए.
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने निर्देश दिए
मुख्यमंत्री ने वर्चुअल बैठक में 10 जिलों रायपुर, दुर्ग, बेमेतरा, राजनांदगांव, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, बलौदाबाजार, जशपुर और कोरबा जिले में ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता, ऑक्सीजन सिलेण्डर की उपलब्धता, मरीजों के इलाज, रेमडेसिविर इंजेक्शन सहित आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता, सीएसआर मद और अन्य मदों से आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था की समीक्षा की. उन्होंने सभी कलेक्टरों को अपने-अपने जिलों में ऑक्सीजन सिलेण्डर की निरंतर आपूर्ति और आवश्यक दवाईयों के भण्डारण, खदान और औद्योगिक क्षेत्रों में सघन टेस्टिंग अभियान चलाने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि वायरस के दूसरे स्ट्रेन से ज्यादा तेजी से संक्रमण हो रहा है और मरीजों को ठीक होने में भी ज्यादा समय लग रहा है. इसे ध्यान में रखते हुए जिलों में मरीजों की तत्परता से इलाज सुविधा के लिए हर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने सभी जिलों में आवश्यकतानुसार सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने राज्य में कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति और वैक्सीनेशन की प्रगति के संबंध में जानकारी दी.
बैठक के दौरान मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन और मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्रीमती रेणु जी पिल्ले, अपर मुख्य सचिव गृह श्री सुब्रत साहू, संबंधित आईजी, सभी जिलों के कलेक्टर, एसपी बैठक में वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्मय से जुड़े थे.
HIGHLIGHTS
- ज्यादा संक्रमण वाले ग्रामीण क्षेत्र में विशेष अभियान चलाकर टेस्टिंग की जाए
- प्रवासी लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर, आइसोलेशन में रखने और अस्पताल भेजने के निर्देश
- आवश्यक दवाईयों की कालाबाजारी पर होगी कड़ी कार्रवाई