ई-टेंडरिंग घोटाले करने के लिए बनाए गए फर्जी ईमेल आइडी और आइपी नंबरों को साइबर एक्सपर्ट ने रिकवर कर लिया है. जांच के दौरान उन कम्प्यूटरों को भी चिन्हांकित कर लिया गया है, जिसके जरिए निविदा जारी की गई थी. इसे जारी करने के बाद अफसरों के इशारे पर मिटा दिया गया था. लेकिन, साफ्टवेयर के माध्यम से इसे निकाल लिया गया है. ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल के करीब 70 फीसदी डाटा निकाल लिए गए हैं. इसे कॉपी करने का काम चल रहा है.
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इसके रिकवर होते ही संबंधित कर्मचारियों-अफसरों और निविदा हासिल करने वाले ठेकेदारों और कंपनियों के संचालकों से पूछताछ की जाएगी. इओडब्ल्यू (EOW) की एसपी आइके एलेसेला ने बताया कि दिल्ली के साइबर एक्सपर्ट डिलीट किए गए डाटा को रिकवर कर रहे है. इसके पूरा होते ही पूछताछ का सिलसिला शुरू किया जाएगा.
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बता दें कि 17 विभागों के अधिकारियों द्वारा 4601 करोड़ के टेंडर में 74 ऐसे कम्प्यूटर का इस्तेमाल निविदा अपलोड करने के लिए किया गया था. उसी कंम्प्यूटर से निविदा की सारी औपचारिकता भी पूरी की गई थी. कैग (CAG) की रिपोर्ट के अनुसार 10 से 20 लाख के 108 करोड़ रुपए के टेंडर मैन्युअली जारी किए गए थे. जिन 74 कंप्यूटरों से टेंडर निकाले गए उसी से टेंडर वापस भरे भी गए. ऐसा 1921 निविदाओं में किया गया था.
Source : News Nation Bureau