छत्तीसगढ़ के पशुपालन विभाग ने ग्लैंडर्स नाम की बीमारी के कारण राजधानी से लगे दुर्ग और राजनांदगांव नगर निगम क्षेत्र में घोड़े, गधे और खच्चर को बैन कर दिया है. दुर्ग और राजनांदगांव के एक-एक घोड़े में ग्लैंडर्स वायरस की पुष्टि होने के बाद मारा गया है, जबकि एक घोड़े की इलाज के दौरान ही मौत हो गई. विभाग ने फील्ड के सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं, जिससे संक्रमण न बढ़े.
यह भी पढ़ें- पिछले 6 दिन से छत्तीसगढ़ में नहीं बरसे बादल, आगे भी बारिश के आसार कम
जानकारी के मुताबिक, दुर्ग के दो और राजनांदगांव के एक बीमार घोड़े का ब्लड सैंपल जांच के लिए हिसार भेजा गया था. पिछले महीने जांच रिपोर्ट आई, जिसमें तीनों घोड़ों में ग्लैंडर्स नामक वायरस की पुष्टि हुई. केंद्र सरकार के वर्ल्ड र्गनाइजेशन ऑफ एनीमल हेल्थ की गाइडलाइन के मुताबिक तीनों घोड़ों को मारने की अनुमति मांगी गई. यह वायरस दूसरे जानवरों या उनसे जुड़े लोगों में न फैले, इसलिए विभाग ने दुर्ग और राजनांदगांव में घोड़े के साथ-साथ गधे व खच्चर को भी प्रतिबंधित कर दिया है.
यह भी पढ़ें- दो ब्लड ग्रुप के फेर में पति को घुमाते रहे अस्पताल, समय पर प्लेटलेट नहीं मिलने से प्रसूता की मौत
जिन तीन घोड़ों में ग्लैंडर्स के वायरस मिले हैं, उनसे जुड़े लोगों की भी जांच कराई जा रही है, जिससे उन लोगों में संक्रमण का पता चल सके. पशुपालन विभाग के सर्जन डॉ. अमित जैन ने बताया कि ग्लैंडर्स वायरस जानवरों से मनुष्यों में फैलते हैं. हालांकि ये बर्ड फ्लू या निपाह वायरस की तरह खतरनाक नहीं हैं. वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन ऑफ एनीमल हेल्थ की गाइडलाइन के मुताबिक घोड़ों को मारकर साइंटिफिक प्रोसेस से दफना दिया गया है. साथ ही, दुर्ग व राजनांदगांव को नियंत्रित क्षेत्र घोषित किया गया है.
यह वीडियो देखें-