छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद, आखिरकार भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए नाम की घोषणा कर दी है. तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए भाजपा आलाकमान ने विष्णुदेव साय को बतौर मुख्यमंत्री प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी है. माना जा रहा है कि, विष्णुदेव साय, जोकि एक आदिवासी नेता हैं उन्हें सूबे का मुखिया करार देकर, भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने बड़ा दांव खेल दिया है. ऐसे में चलिए विष्णुदेव साय के निजी और राजनीतिक जीवन के बारे में सबकुछ जानें...
कौन हैं विष्णुदेव साय?
विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र के एक किसान परिवार से आते हैं. उनका ताल्लुक आदिवासी समुदाय से है, जिनकी आबादी न सिर्फ प्रदेश में सबसे अधिक है, बल्कि वो सूबे की राजनीति में एक निर्णायक अहमियत रखता है, जिसका प्रतिनिधित्व विष्णुदेव साय करत हैं, जो उन्हें प्रदेश में एक मजबूत पकड़ वाले नेता की पहचान देती है. मालूम हो कि, विष्णुदेव साय उन चुनिंदा लोगों में शुमार हैं, जिनकी गिनती रमन सिंह के करीबियों में होती है. न सिर्फ ये बल्कि, विष्णुदेव साय संघ के भी काफी करीबी मानें जाते हैं.
यूं शुरू हुआ राजनीतिक जीवन...
साल 1989 से विष्णुदेव साय ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की, जब उन्होंने अपने गांव बगिया से पंच पद का कार्यभार संभाला. फिर 1990 में वे निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुए थे. इसके बाद तपकरा से विधायक चुनकर 1990 से 1998 तक वे मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे.
अगले साल 1999 में वे 13वीं लोकसभा के लिए रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए. फिर भाजपा द्वारा उन्हें साल 2006 में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. फिर 2009 में विष्णुदेव साय 15वीं लोकसभा में रायगढ़ क्षेत्र से फिर सांसद चुने गए.
मोदी लहर में संभाल चुके हैं महत्वपूर्ण कार्यभार
फिर साल 2014 में मोदी लहर के दौरान, वे 16वीं लोकसभा के लिए रायगढ़ से दोबारा सांसद बने. इस बार केंद्र में मौजूद मोदी की सरकार ने उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री, इस्पात खान, श्रम, रोजगार मंत्रालय बनाया का कार्यभार सौंपा.
इसके बाद साल 2022 की 2 दिसंबर को पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया. फिर अगले ही साल 2023 की 8 जुलाई को विष्णुदेव साय को राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य नियुक्त किया गया.
इसलिए चुना गया मुख्यमंत्री...
बता दें कि साल 2020 में भी विष्णुदेव साय बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. इसके अतिरिक्त पार्टी ने उन्हें सांसद और केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी भी दी है, लिहाजा उनकी यही मजबूत राजनीतिक प्रोफाइल के चलते उन्हें प्रदेश के मुखिया के पद के लिए उचित समझा गया है.
Source : News Nation Bureau