छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को वर्ष 2019—20 के बजट को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. विधानसभा में सभी विभागों के लिए अनुदान मांगों पर हुई चर्चा के बाद 95 हजार 899 करोड़ रुपए के विनियोग विधेयक के प्रस्ताव को ध्वनिमत से स्वीकृत किया गया. इसके पहले विनियोग विधेयक पर अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य का वित्तीय घाटा 10 हजार 880 करोड़ रूपए का है, जो निर्धारित सीमा अर्थात GSDP के तीन प्रतिशत की सीमा से कम है. 31 मार्च 2018 की स्थिति में राज्य शासन पर लोक ऋण भार 39 हजार 30 करोड़ रूपए का है.
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RBI रिपोर्ट 2018 के अनुसार, छत्तीसगढ़ ऋण तथा ब्याज भुगतान की दृष्टि से देश में सबसे बेहतर स्थिति वाला राज्य है. राज्य का ऋणभार GSDP का 17.4 प्रतिशत है, जो सभी राज्यों के औसत 23.2 प्रतिशत से बहुत कम है। छत्तीसगढ़ में वित्तीय अनुशासन को बनाकर रखा गया है. इस दौरान बघेल ने कहा कि राज्य सरकार के लिए विकास की परिभाषा गांव, किसानों और मजदूरों के जीवन में सुधार लाना है, बिल्डिंग, पुल-पुलिया और कंक्रीट के जंगल खड़े करने के नाम पर आदिवासियों को उनकी जमीन से उजाड़ना नहीं है. हमारी सरकार ने किसानों और गांवों के कल्याण के लिए ऋण लिया है.
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राज्य में किसानों के अल्पकालिक कृषि ऋण को माफ किया गया और ढाई हजार रूपये प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदा गया है. इन फैसलों से गांव और किसान को लाभ मिला है. मुख्यमंत्री ने वन अधिकार पट्टों के संबंध में सदन को आश्वस्त किया और कहा कि वनवासियों और जंगलों में परपंरागत रूप से रहने वाले लोगों के अधिकारों का हनन नहीं होने दिया जाएगा, उनका जो वाजिब अधिकार है उसे दिलाकर रहेंगे.
मुख्यमंत्री ने सदन में विधायकों की जनसम्पर्क निधि को तीन लाख रूपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि शासकीय आयोजनों में क्षेत्रीय विधायकों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के मान-सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाएगा और प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा.
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Source : News Nation Bureau