छत्तीसगढ़ में पहली बार दहेज देने पर केस दर्ज हुआ है. दरअसल दुर्ग की एक विवाहिता ने अपने पति पर दहेज मांगने का आरोप लगाते हुए पुलिस केस दर्ज कराया था. सुनवाई के दौरान लड़की के पिता ने दहेज देने की बात कबूली तो मंगलवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट ने विवाहिता व उनके पिता पर FIR के आदेश दे दिए. बता दें दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की धारा 3 के तहत अगर कोई व्यक्ति दहेज देगा या लेगा या फिर दहेज देने-लेने के लिए दुष्प्रेरित करेगा तो इस नियम के तहत आरोपी होगा. आरोप सिद्ध होने पर कम से कम पांच साल की सजा और 15 हजार से दहेज की रकम तक दोनों में जो अधिक होगा, का जुर्माना होगा.
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दीपक नगर के विजय अग्रवाल की बेटी रूही अग्रवाल की शादी 16 जनवरी 2007 को नेहरू नगर के निमिष अग्रवाल (38) से हुई थी. 7 मई 2016 को रूही ने सुपेला थाने में निमिष के खिलाफ दहेज मांगने की रिपोर्ट लिखाई. मामला कोर्ट पहुंचा. सुनवाई शुरू हुई. यहां न सिर्फ विवाहिता, बल्कि उसके पिता ने भी माना कि बतौर दहेज उन्होंने 2.50 करोड़ और फिर 60 लाख रुपए वर पक्ष के सदस्यों के खाते में जमा कराए हैं. इसी को आधार बनाकर आरोपी युवक ने कोर्ट में प्रार्थियों के खिलाफ याचिका लगा दी. दहेज लेने के साथ ही दहेज देना भी गुनाह है. इसी कानून का हवाला देते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट डीके गिलहरे ने विवाहिता व उनके पिता पर जुर्म करने के आदेश दिए हैं.
Source : News Nation Bureau