सीबीआई ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि कथित सेक्स सीडी मामले में जहां छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आरोपी हैं, उसे दिल्ली ट्रांसफर किया जाए. न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा, मामलों को अंतिम निपटान के लिए 11.02.2021 को सूचीबद्ध करें. पार्टियों के लिए विद्वान वकील इस बीच में सिफारिशों को पूरा कर सकते हैं.
सीबीआई का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के सामने पेश किया कि इस मामले से जुड़े कुछ गवाहों को धमकी दी जा रही है, क्योंकि एक आरोपी छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री प्रभावशाली व्यक्ति है. मेहता ने कहा कि कुछ गवाह दिल्ली और बंबई के हैं और उन्होंने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि वे मुकदमे को छत्तीसगढ़ से बाहर, दिल्ली शिफ्ट करें.
सह-आरोपी कैलाश मुरारका का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एन.एस. नादकर्णी ने कहा कि अगर छत्तीसगढ़ को याचिका में पक्षकार के रूप में शामिल किया जाता है तो यह उचित होगा, क्योंकि राज्य सरकार के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं. पीठ ने कहा कि वह अगली सुनवाई में इस पहलू की जांच करेगी. शीर्ष अदालत ने अक्टूबर 2019 में कथित सेक्स सीडी में आपराधिक मुकदमे पर रोक लगा दी थी और मामले को राज्य से बाहर शिफ्ट करने की सीबीआई की याचिका पर बघेल से जवाब मांगा था.
सीबीआई ने इस मामले को ट्रांसफर करने की मांग की है, क्योंकि आरोपी अब मुख्यमंत्री हैं और अंदेशा है कि वह गवाहों पर दबाव डाल सकते हैं. वर्ष 2017 में सीबीआई ने तत्कालीन छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष रहे बघेल के खिलाफ मामला दर्ज किया था. शिकायत की गई कि बघेल ने कथित तौर पर फर्जी सेक्स सीडी मामले में तत्कालीन राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री और भाजपा नेता राजेश मूणत को फ्रेम करने की कोशिश की. मूणत ने बघेल और वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा के खिलाफ उनकी छवि धूमिल करने के आरोप में शिकायत दर्ज कराई थी. प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर कर दी.
Source : IANS/News Nation Bureau