देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संकट के बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोनावायरस (Corona Virus) की रोकथाम के लिए अहम कदम उठाया है. छत्तीसगढ़ सरकार अब प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना वायरस का इलाज उपलब्ध कराएगा. कोरोना वायरस से जंग में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम करती दिखाई दे रही हैं. एक तरफ जहां कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए देश में लॉक डाउन (Lock Down) लागू है तो वहीं इस बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी निजी अस्पतालों को कोविड -19 (COVID-19) महामारी से लड़ने के लिए टेक ओवर करने का फैसला किया है.
आपको बता दें कि यहां पर कोविड -19 (COVID-19) के 36 पॉजिटिव केस मिले थे, उनमें से 24 ठीक होकर घर जा चुके हैं. रायपुर एम्स के कामकाज की सार्क देशों के डॉक्टरों ने सराहना करते हुए मदद की अपील भी की है. रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव में एक-एक पॉजिटिव मरीज मिले थे, अब यहां एक भी मरीज नहीं हैं. केवल कोरबा हॉटस्पॉट बना हुआ है. राज्य के 28 जिलों में से 23 ग्रीन जोन में है, यहां एक भी मरीज नहीं मिले हैं.
वहीं लॉकडाउन की स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाने के साथ अन्य सुविधाएं दी जा रही है. दो-दो महीने का राशन भी दिया जा चुका है. राज्य की अच्छी स्थिति को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि 27 जनवरी से ही राज्य में कोरोना से निपटने की तैयारी शुरू हो गई थी. विदेशों से आने वालों को क्वारेंटाइन किया जाने लगा. 1 मार्च के बाद विदेश से 2300 से लोग आए, उनकी पहचान कर, जरूरत के हिसाब से क्वारेंटाइन किया गया. जांच की रफ्तार को लेकर सिंहदेव का कहना है कि 75 हजार नई किट दक्षिण कोरिया से मंगवा रहे हैं.
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दो महीने का राशन मिल गया
लॉकडाउन के कारण ग्रामीण जनता को परेशान न होना पड़े, इसलिए पंचायत विभाग ने दो-दो महीने का राशन दे दिया गया है. वहीं रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए मनरेगा का काम शुरू कर दिया गया है. इसमें भी सोशल डिस्टेंस का पालन किया जा रहा है. बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश के लिए सभी जगह बेरिकेड्स लगा दिया गया है. गांव के जो लोग बाहर से आ रहे हैं, उनके बारे में स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दे दी जाती है. फिर उन्हें होम क्वारेंटाइन या आइसोलेशन सेंटर भेज दिया जाता है.
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स्वास्थ्य के साथ रोजगार पर ध्यान
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य महकमे के साथ पंचायत विभाग ने स्थिति को संभालने का काम किया है. दोनों विभागों में समन्वय का काम किया है इनके मंत्री ने. टीएस सिंहदेव रोजाना इन दोनों विभागों के अधिकारियों समेत नोडल अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्थिति की समीक्षा करते हैं. एक-एक जिले की स्थिति पर चर्चा करते हैं. जानकारी लेने के साथ जरूरी निर्देश देते हैं. उनका कहना है कि केवल 4 घंटे सोते हैं, बाकी समय प्रदेश को देते हैं.