छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी ने मरवाही उप चुनाव से बाहर होने के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देने का फैसला किया है. अजीत जोगी की मृत्यु के बाद से रिक्त राज्य के प्रतिष्ठित मरवाही विधानसभा सीट के लिए तीन नवंबर को मतदान होगा. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष और अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी ने मरवाही की जनता से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी गंभीर सिंह को वोट देने की अपील की है.
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जोगी ने कहा है कि मेरे विधायक दल के नेता धरमजीत सिंह और विधायक दल के सचिव राजेंद्र राय ने जानकारी दी है कि उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी गंभीर सिंह का समर्थन करने का निर्णय ले लिया है. प्रमोद शर्मा और अधिकांश पार्टी कार्यकर्ता भी इस बात पर अपनी सहमति दे चुके हैं. मेरी बीजेपी के किसी नेता से आज तक इस संबंध में सीधा संवाद नहीं हुआ है, पर मैं अपनी पार्टी के नेताओं की इस राय से पूर्ण रूप से सहमत हूं.
जोगी ने कहा है कि मेरा अपना मानना है कि वैचारिक रूप से क्षेत्रीय दल और राष्ट्रीय दल में स्थायी समझौता संभव नहीं है बशर्ते कि राष्ट्रीय दल हमारी स्वराज की भावना का सम्मान करे. लेकिन वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जब कांग्रेस ने मेरे स्वर्गीय पिता अजीत जोगी के अपमान को अपने प्रचार का मुख्य केंद्र-बिंदु बना लिया है और मेरे परिवार को चुनाव के मैदान से छलपूर्वक बाहर कर दिया है, तो ऐसी परिस्थिति में मुझे मेरे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का निर्णय स्वाभाविक और सर्वमान्य लगता है.
वैसे भी मुझे पूरी उम्मीद है कि यह उपचुनाव न्यायपालिका की चुनाव याचिका की कसौटी में स्वमेव एक साल के भीतर स्थगित हो जाएगा और मरवाही की जनता को अपनी इच्छा अनुसार विधायक चुनने का अवसर एक बार फिर मिलेगा.
जोगी ने कहा है कि ऐसे में आज मेरे सामने एक ही विकल्प है कि मैं अपने पिता के स्वर्गवास के बाद उन्हें अपमानित कर रहे कांग्रेस के लोगों के विरुद्ध वोट देने मरवाही की जनता से अपील करता हूं. कांग्रेस की जमानत जब्त कराना हमारा एकमात्र उद्देश होना चाहिए. जोगी ने यह हालांकि साफ किया है कि यह मरवाही विधानसभा के लिए हो रहे उप चुनाव में समर्थन है न कि दोनों पार्टी के बीच गठबंधन है.
जोगी की पार्टी के फैसले का स्वागत करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के परिजनों को परेशान करने में लगी है. लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन कांग्रेस लोकतंत्र की हत्या कर रही है. कौशिक ने कहा कि वह जोगी के इस फैसले का स्वागत करते हैं और मरवाही की जनता इस बार कांग्रेस को सही जवाब देगी. वहीं सत्ताधारी दल कांग्रेस ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) को भारतीय जनता पार्टी की ‘बी-टीम’ कहा है और दावा किया कि मरवाही की जनता ने कांग्रेस को जिताने के लिए मन बना लिया है.
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छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जोगी की पार्टी के दो विधायक कांग्रेस के समर्थन में खुलकर आ चुके हैं. उस राजनीतिक दल का कोई सांगठनिक ढांचा नहीं है. बीजेपी को समर्थन की बात अमित जोगी की व्यक्तिगत बात है.
त्रिवेदी ने कहा कि बीजेपी और बीजेपी की बी-टीम ने 15 साल तक मरवाही को विकास से वंचित रखा. मरवाही की जनता मरवाही को जिला बनाने वाली कांग्रेस को जिताने का मन बना चुकी है. गौरेला—पेंड्रा—मरवाही जिले कि अंतर्गत आने वाली मरवाही विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. वर्ष 2000 में नए राज्य के गठन के बाद से यह सीट जोगी परिवार के पास ही था. बीते 29 मई को अजीत की मृत्यु के बाद से यह सीट रिक्त है.
मरवाही विधानसभा सीट से सत्ताधारी दल कांग्रेस ने डॉक्टर कृष्ण कुमार ध्रुव को अपना प्रत्याशी बनाया है वहीं बीजेपी ने डॉक्टर गंभीर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी और उनकी पत्नी ऋचा जोगी का नामांकन जाति प्रमाण पत्र मामले के कारण रद्द हो चुका है.
राज्य बनने के बाद यह पहली बार है कि इस सीट से जोगी परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है. राज्य के 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 69 सीट, भारतीय जनता पार्टी के पास 14 सीट, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के पास चार सीट और बहुजन समाज पार्टी के पास दो सीटें हैं.
Source : Bhasha