छत्‍तीसगढ़ः भूपेश सरकार का बड़ा फैसला, 15,000 शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति के आदेश

नई सरकार ने प्रदेश के उन तमाम बेरोजगारों के लिए उम्मीद की किरण जगाई है जो शिक्षक बनना चाहते हैं.

author-image
Drigraj Madheshia
एडिट
New Update
छत्‍तीसगढ़ः भूपेश सरकार का बड़ा फैसला, 15,000 शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति के आदेश

भूपेश बघेल का फाइल फोटो

Advertisment

नई सरकार ने प्रदेश के उन तमाम बेरोजगारों के लिए उम्मीद की किरण जगाई है जो शिक्षक बनना चाहते हैं. लोक शिक्षण संचालनालय ने जारी एक पत्र में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और संयुक्त संचालकों को पत्र लिखकर एक दिन के भीतर रिक्त पदों की जानकारी मांगी है. नई सरकार ने पहली दफा ये टाइम बम अधिकारियों को भेजा है. लेकिन इस फैसले के साथ ही एक नया विवाद भी शुरू हो गया है.

यह भी पढ़ेंः सेना के सम्मान में दिल्ली के आफताब ने कर दिया ऐसा काम, देश भर में हो रही है प्रशंसा

बेरोजगारी को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. पूरे प्रदेश में 15 हजार शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति के आदेश राज्य सरकार ने निकले हैं. वंही इस आदेश का इतने कड़ाई से पालन का निर्देश राज्य सरकार ने दिया है जिसमे इस बात की भी चेतावनी दी गई है कि जिला शिक्षा अधिकारी 29 जनवरी के 3 बजे तक पूरी जानकारी उपलब्ध कराए. इसके बाद दी गई जानकारी स्वीकार नही की जाएगी.इतना ही नही उनके द्वारा जिले में भर्ती हेतु प्रस्तावित पद नहीं बताया जाएगा तो तो उस स्थिति में इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी उन अधिकारियों की ही होगी. पत्र की भाषा से समझा जा सकता है कि विभाग शीघ्र अतिशीघ्र इस प्रक्रिया को शुरू करना चाहता है.

यह भी पढ़ेंः छत्तीसगढ़: गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में पहली बार हुआ ट्रैकिंग का आयोजन, 7 राज्यों के लोग हुए शामिल

शिक्षकों की सीधे नियुक्ति के राह में अब एक नया दांव फसता हुवा नजर आ रहा है. दरअसल इस पत्र के ऊपर में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की है. पत्र को अगर गौर से देखें तो यह शिक्षक पद पर भर्ती के लिए है न की शिक्षाकर्मी पद पर भर्ती के लिए. ऐसे में प्रदेश में जब तक पूर्व के शिक्षाकर्मियों का संविलियन स्कूल शिक्षा विभाग में नहीं हो जाता तब तक तकनीकी रूप से शिक्षक पद पर भर्ती सरकार के लिए संभव दिखाई नहीं देती. क्योंकि यदि सरकार व्यापम के माध्यम से भी परीक्षा आयोजित करती है तो 2016 और 17 में भी व्यापम के माध्यम से ही शिक्षाकर्मियों का चयन हुआ था.

यह भी पढ़ेंः मध्‍य प्रदेशः गौवंश बने कमलनाथ सरकार के लिए आफत, 18 गायों की मौत

भले ही राज्य सरकार ने रोजगार के नए द्वार खोल दिये हो लेकिन अभी भी पंचायत विभाग में कार्यरत शिक्षाकर्मी उनके सामने रोड़ा बन कर बैठे हुवे हैं. उन्होंने साफ कहा है कि, सीधे शिक्षा विभाग में लोगों की भर्ती किया जाना उनके साथ अन्याय है. वे 2016 और 17 में हुवे परीक्षा को आधार बनाकर न्यायालय चले जाएंगे कि जब व्यापम के माध्यम से ही उनकी भर्ती हुई है और उनके पास भी वह तमाम योग्यताए हैं जो शिक्षक पद के लिए है तो स्कूल शिक्षा विभाग में पहला अधिकार उनका है साथ ही सरकार के उस वादे पर भी प्रश्न चिन्ह लग जाएगा जिसमें उन्होंने शिक्षाकर्मी भर्ती को समाप्त करते हुए शिक्षकों के पद पर संविलियन की बात कही थी.

Source : News Nation Bureau

chhattisgarh bhupesh-baghel big decision Appointment teachers vacancies
Advertisment
Advertisment
Advertisment