5 डिसमिल से कम रकबे की जमीन खरीदने वालों को भूपेश सरकार का तोहफा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर छोटे भू-खण्ड धारकों को जमीन की खरीदी-बिक्री के पंजीयन में बड़ी राहत मिली है.

author-image
Drigraj Madheshia
एडिट
New Update
5 डिसमिल से कम रकबे की जमीन खरीदने वालों को भूपेश सरकार का तोहफा

छत्‍तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल

Advertisment

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर छोटे भू-खण्ड धारकों को जमीन की खरीदी-बिक्री के पंजीयन में बड़ी राहत मिली है. बघेल ने छोटे भू-खण्डधारकों को रजिस्ट्री में आ रही दिक्कतों को देखते हुए राजस्व विभाग को इसका तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिए गए थे. CM के निर्देश पर राजस्व विभाग द्वारा पूर्व में जारी आदेशों को स्थगित करते हुए शनिवार को नया आदेश जारी किया गया है, जिसके अंतर्गत पांच डिसमिल से कम रकबे की खरीदी-बिक्री पर रोक हटा दी गई है. अब पांच डिसमिल से कम रकबे की भूमि का अब नामांतरण और पंजीयन आसान होगा. इससे हजारों निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.

यह भी पढ़ेंः छत्तीसगढ़ : रामपुकार होंगे विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर, 3 को लेंगे शपथ

बता दें घोषणा पत्र में कांग्रेस ने इस समस्या का त्वरित निराकरण का वादा किया गया था राजस्व विभाग द्वारा वाणिज्यिक-कर (पंजीयन) विभाग को पत्र जारी कर दिया गया है. इसके अनुसार रजिस्ट्री के लिए खसरा नंबर के नक्शा में अंकन की अनिवार्यता को स्थगित कर दी गई है. सचिव राजस्व विभाग द्वारा सचिव वाणिज्यिक-कर (पंजीयन) को जारी पत्र में कहा है कि पूर्व में छोटे भू-खण्डों का पंजीयन होने और उसका नक्शे में अंकन किए बिना खसरे में भूमि-स्वामी का नाम दर्ज किया गया है.

यह भी पढ़ेंः मध्‍य प्रदेश को लेकर यूपी के गाजीपुर में PM मोदी की टिप्‍पणी पर बरसे कमलनाथ

ऐसे खसरा नम्बरों का बिना विस्तृत सर्वेक्षण और गहन जांच के बिना नक्शे में अंकन संभव नहीं होने के कारण यदि कोई भूमि-स्वामी किसी खसरा नम्बर के धारित सम्पूर्ण भूमि को अंतरित करना चाहता है तो पंजीयन के लिए उस खसरा नम्बर के नक्शे में अंकन की अनिवार्यता को स्थगित की जाए. इसी तरह खसरा और नक्शा में आबादी भूमि के रूप में दर्ज भूमि में निवासरत व्यक्तियों द्वारा धारित भू-खण्डों का भूमि-स्वामीवार कोई भी भू-अभिलेख तथा नक्शा शासन द्वारा अभी तैयार नहीं कराया गया है.

यह भी पढ़ेंः कांग्रेस ने कसा तंज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'एक्सीडेंटल टूरिस्ट' करार दिया

इसलिए भूमि के रूप में अंकित खसरा नम्बर के अंदर यदि किसी व्यक्ति द्वारा विधिपूर्वक कब्जे की भूमि के विक्रय हेतु पंजीयन के लिए भू-अभिलेख एवं नक्शे की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए. राजस्व विभाग द्वारा यह भी कहा गया है कि यदि ले-आऊट के आधार पर किसी भूमि-स्वामी द्वारा किसी भू-खण्ड का विक्रय किया जाता है तो ले-आऊट को पंजीयन का आवश्यक अंग मानते हुए बिना नक्शा बटांकन के पंजीयन की कार्रवाई की जाए. कुछ प्रकरणों में रायपुर विकास प्राधिकरण तथा छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा अनुमोदित ले-आऊट भुंईया Software में अपलोड नहीं किया गया है. ऐसे प्रकरणों में संबंधित संस्थान द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण के आधार पर भू-खण्डों के पंजीयन की कार्रवाई की जाएगी.

Source : News Nation Bureau

chhattisgarh bhupesh-baghel Property Tax Khasara khatauni
Advertisment
Advertisment
Advertisment