छत्तीसगढ़ सरकार में टीएस सिंहदेव (TS Singhdeo) के इस्तीफे के बाद राजनीतिक सरगर्मियां पूरी तरह तेज हो गई है. टीएस सिंहदेव (TS Singhdeo) का पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाकर उनके एक विभाग को छोड़ने की घोषणा के बाद भाजपा ने छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल (Bhupesh baghel) सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. शोर-शराबे के बीच सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित होने के बाद जब विपक्ष ने सिंहदेव के पत्र से उत्पन्न बयान के लिए मुख्यमंत्री पर दबाव डाला. भाजपा विधायक अजय चंद्राकर (Ajay Chandrakar) ने कहा कि सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद स्थगन प्रस्ताव का नोटिस विधानसभा सचिवालय को सौंपा गया है. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि क्षेत्रीय पार्टी जनता कांग्रेस (जेसीसी-जे) भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेंगे.
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भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि स्थगन प्रस्ताव के लिए विधानसभा सचिवालय को नोटिस जमा कर दिया गया है. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि क्षेत्रीय पार्टी जनता कांग्रेस (जेसीसी-जे) अविश्वास प्रस्ताव का भी समर्थन करेंगे. दिसंबर 2018 में सत्ता में आई भूपेश बघेल सरकार के पास 90 सदस्यीय वाली सदन में 71 सदस्यों का बहुमत प्राप्त है. अपने अविश्वास प्रस्ताव के साथ विपक्ष इसे कांग्रेस सरकार और आयोग की कथित खामियों पर सदन में विस्तार से बताने के लिए इसे एक अवसर के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है. सिंहदेव के इस्तीफे के बाद बीजेपी लगातार कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र बुधवार 20 जुलाई से शुरू होकर 27 जुलाई तक तय किया गया है. राज्य में वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव के एक विभाग से इस्तीफा देने और उससे उपजे राजनीतिक हालात के बाद इस सत्र के आगे भी हंगामेदार होने के आसार हैं.