छत्तीसगढ़ में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के अवसर पर राज्य के किसानों, वनवासियों और गोबर विक्रेताओं को राज्य सरकार की ओर से 1737.50 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई. राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जयंती के अवसर पर यहां मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित समारोह में राज्य के किसानों, तेंदूपत्ता संग्राहकों और गोबर विक्रेता ग्रामीणों के खाते में 1737.50 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई.
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समारोह में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेता वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मौजूद थे. इस अवसर पर गांधी ने कहा कि किसानों, गरीबों, आदिवासियों एवं जरूरतमंद लोगों की मदद की योजनाओं के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्य है. उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य में सभी वर्गों की भलाई और बेहतरी के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की और इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित मंत्रीगणों को बधाई दी.
राहुल गांधी ने कहा कि हमारी सरकार किसानों, गरीबों, आदिवासियों, मजदूरों के हितों की रक्षा करने वाली सरकार है. छत्तीसगढ़ राज्य में इन वर्गों की भलाई के लिए राज्य सरकार काम कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘हम किसानों, गरीबों, आदिवासियों, मजदूरों के हितों की रक्षा इसलिए करते हैं, क्योंकि हम समझते हैं कि हिंदुस्तान को आगे ले जाने वाले यही लोग हैं. इनके हितों की रक्षा किए बिना देश आगे नहीं जा सकता.’’
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि आज अंतरित की जा रही राशि में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दूसरी किस्त के 1500 करोड़ रुपए, गोधन न्याय योजना के चार करोड़ 50 लाख रुपए और तेंदूपत्ता संग्राहकों के प्रोत्साहन पारिश्रमिक के 232.81 करोड़ रुपए शामिल हैं. राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत 21 मई को राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर की गई थी. उसी दिन पहली किस्त के 1500 करोड़ रुपए 19 लाख किसानों के खातों में सीधे अंतरित किए गए.
छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना के तहत किसानों को चार किश्तों में 5,750 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत राज्य शासन द्वारा दो रूपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीद रहा है. इस योजना की शुरुआत 20 जुलाई हरेली पर्व के दिन की गई. योजना के तहत क्रय किए जा रहे गोबर का भुगतान 15-15 दिवस के भीतर किये जाने का निर्णय लिया गया.
आज 77,097 गोबर विक्रेता ग्रामीणों और पशुपालकों को चार करोड़ 50 लाख रुपए का दूसरा भुगतान किया गया है. इससे पूर्व पांच अगस्त को योजना के तहत 01 करोड़ 65 लाख रुपए का भुगतान किया गया था.
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बघेल ने कहा कि राज्य के तेंदूपत्ता संग्राहकों को आज 233 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई है, इससे पूर्व वर्ष 2018 संग्रहण वर्ष में 371 करोड़ रुपए का पारिश्रमिक दिया गया था. इससे राज्य के 12 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों की आय में 60 प्रतिशत वृद्धि हुई है.
उन्होंने कहा कि 4000 रुपए प्रति मानक बोरा की दर से तेंदूपत्ता की खरीदी का वादा हमने निभाया है. तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरु की गई शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके जरिये संग्राहकों को बीमा योजना जैसा लाभ मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कि दुर्घटना एवं मृत्यु होने की स्थिति में पीड़ित संग्राहक परिवारों को राशि का भुगतान एक माह के भीतर किया जाएगा, जबकि पूर्व की बीमा योजना के तहत प्रकरण के निपटारे में सालभर का समय भी लग जाया करता था. समारोह में विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, भूपेश बघेल मंत्रिमंडल के सदस्य और राज्य के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.