Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के CM विष्णुदेव साय ने आज यानी मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की. बैठक में राज्य के औद्योगिक कॉरिडोर, अंतरराष्ट्रीय एयर कार्गो सुविधाओं और कई अन्य विकासात्मक मुद्दों पर चर्चा की गई. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने छत्तीसगढ़ राज्य के विकास को गति देने में केंद्र से मिलने वाली हर संभव मदद देने मुहैया कराने का वादा किया. उन्होंने ऐसे कई प्रस्तावों को मंजूरी देने का आश्वासन दिया, जिनसे राज्य को एक नई दिशा मिलेगी. इस अहम बैठक का मुख्य मुद्दा छत्तीसगढ़ के औद्योगिक कॉरिडोर का विकास रहा. सीएम साय ने केंद्र से अनुरोध किया कि कोरबा-बिलासपुर-रायपुर को नागपुर औद्योगिक कॉरिडोर से जोड़ा जाए.
कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा
बैठक में सीएम ने राजधानी रायपुर स्थित इंटरनेशनलय एयर कार्गो सुविधाओं की जरूरत पर भी बल दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे छत्तीसगढ़ के कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्यात को काफी बढ़ावा मिलेगा. सीएम ने आगे बताया रायपुर के पुराने टर्मिनल के इस्तेमाल पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से निर्यात काफी सरल हो जाएगा. वहीं, पीयूष गोयल ने राज्य के विकास से जुड़े सभी प्रस्तावों पर मंजूरी देने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि सुविधा छत्तीसगढ़ के उद्योगों को इंटरनेशनल मार्केट्स में प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेगी. इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच एपीडा यानी कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण सर्टिफिकेशन ऑफिस की स्थापना का मुद्दा भी उठा. राज्य के सीएम ने कहा कि इस ऑफिस की स्थापना होने से छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादों को वैश्विक मान्यता मिलेगी.
कॉनकोर कंटेनर डिपो की क्षमता बढ़ाने पर भी चर्चा हुई
इसके अलावा दोनों नेताओं के बीच राजधानी रायपुर स्थित कॉनकोर कंटेनर डिपो की क्षमता बढ़ाने पर भी चर्चा हुई. सीएम साय ने जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल डिपो की टोटल कैपेसिटी का केवल 15 प्रतिशत इस्तेमाल हो रहा है. उन्होंने पीयूष गोयल से अनुरोध किया कि अधिक शिपिंग लाइनों को जोड़ा जाए, जिससे निर्यात लागत में कमी देखने को मिलेगी. इसके साथ ही व्यापारिक गतिविधियों को भी काफी बढ़ावा मिलेगा. केंद्रीय मंत्री ने उनके प्रस्ताप पर जल्द ही विचार करने का आश्वसन दिया. सीएम साय ने नवा रायपुर में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक कार्यक्रमों के आयोजन की भी मांग की. यह प्रस्ताव छत्तीसगढ़ को एक व्यापारिक और औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा.