छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा जिला में की एक जेल में एक अलग ही मुहिम जारी है. दरअसल यहां की जेल के बैरक में बंद अशिक्षित कैदियों को पढ़ाया जा रहा है. जेल के अधीक्षक ने जानकारी देते हुए कहा कि जेल में शुरुआत में ज्यादातर कैदी अनपढ़ थे और इसलिए उन्हें पढ़ाने में हमें लगभग 8 महीने का समय लगा लेकिन नए कैदियों को पढ़ाने में केवल 4 से 5 दिन ही लगते हैं.
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जेल अधीक्षक जीएस सोरी ने जानकारी देते हुए कहा, अब वे पीएम ग्रामीण डिजिटल शिक्षा अभियान के तहत डिजिटल शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. एक साल में 1,000 कैदियों ने डिजिटल शिक्षा प्राप्त की, जिनमें से 500 ने ऑनलाइन परीक्षा दी और पास भी हुए. उन्होंने कहा, यह एकमात्र जेल है जहां कैदी परीक्षा दे रहे हैं और प्रमाणपत्र प्राप्त कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau