छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में तीन इनामी नक्सलियों समेत पांच नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. दंतेवाड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बुधवार को यहां बताया कि मंगलवार को जिले के बोदली पुलिस शिविर में पांच नक्सलियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. नक्सलियों ने जिले में चल रहे ‘लोन वर्राटू अभियान’ से प्रभावित होकर और माओवादियों की खोखली विचारधारा से परेशान होकर आत्मसमर्पण किया है.
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पल्लव ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में जगदीश उर्फ रतन कवासी (30) बोधघाट लोकल गुरिल्ला आपरेटिंग स्क्वायड का डिप्टी कमांडर है और वह कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है. उन्होंने बताया कि नक्सली जगदीश के खिलाफ 2007 में नारायणपुर जिले के झाराघाटी में पुलिस दल पर हमला करने और कोंडागांव जिले के मर्दापाल में नक्सली हमले की घटना में शामिल होने का आरोप है. इन हमलों में सात और नौ पुलिसकर्मी शहीद हुए थे.
पल्लव ने बताया कि जगदीश नक्सलियों के तकनीकी दल का भी हिस्सा रहा है. उसे भरमार बंदूक, सिंगल शाट गन, 12 बोर बंदूक, क्लेमारे पाइप बम, बारूदी सुरंग समेत अन्य विस्फोटकों को बनाने में महारत हासिल है. वहीं वह अत्याधुनिक बंदूकों को सुधार सकता है. जगदीश के सिर पर तीन लाख रुपए का इनाम था.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली कमलेश उर्फ मोटू राम पोयामी (22) एलजीओएस का सदस्य है और मनी राम अलामी (24) जनताना सरकार का अध्यक्ष है. दोनों सिर पर एक-एक लाख रुपए का इनाम है.
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वहीं जनमिलिशिया सदस्य बालकु कश्यप (20) और शिवनाथ उर्फ मनुराम पोयामी (25) ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. पल्लव ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 10—10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई है. उन्हें राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत मदद की जाएगी. दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों की घर वापसी के लिए लोन वर्राटू अभियान चालाया जा रहा है. इस अभियान के शुरू होने के बाद से अब तक 58 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है.