वर्ल्ड फॉरेस्ट्री डे' पर छत्तीसगढ़ में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नई पहल शुरू की है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 'वृक्ष संपदा योजना' की शुरुआत की. पांच सालों में किसानों की खाली पड़ी जमीनों पर 15 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे. पाँच एकड़ तक की जमीनों पर किसानों को सरकार की ओर से सौ प्रतिशत अनुदान मिलेगा. इससे किसानों को 50 हजार तक की आमदनी होनी की संभावना है. पौधे लगने से जहां किसानों को फायदा होगा. वहीं, राज्य में हरियाणी बढ़ेगी. इससे प्रदूषण पर भी रोक लगेगी.
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार की ये अच्छी पहल है. विश्व वानिकी दिवस पर 'मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना' का शुभारंभ किया गया है. देश में पहली बार छत्तीसगढ़ सरकार ने अगले 5 वर्षों में एक लाख 80 हजार एकड़ भूमि पर बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा है. राज्य सरकार निकट भविष्य में चिन्हित प्रजातियों की खरीदी के लिए न्यूनतम क्रय मूल्य निर्धारित करेगी.
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किसानों को होगी अच्छी आमदनी
किसानों को 50 हजार तक की वार्षिक आय होगी. इसके अतिरिक्त कार्बन क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भी किसानों को अतिरिक्त आय होगी.छत्तीसगढ़ में एक साल में 36,230 एकड़ भूमि में व्यावसायिक उपयोग के पौधे लगाए जाएंगे. 33 जिलों के 23,600 किसान लाभान्वित होंगे.
प्रदूषण पर लगेगी रोक
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के तहत राज्य में हरियाला को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही यहां के किसानों की भी जीवन स्तर में बदलाव आएगा. बता दें कि देश-दुनिया में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदूषण रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई तरह से अभियान चला रही है, फिर भी प्रदूषण रोकना बड़ी चुनौती है. ऐसे में छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के तहत प्रदूषण पर काफी हद तक रोक लगाई जा सकती है. सरकार की यह पहल वाकई आम लोगों के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है.