वैसे तो रंगों का त्योहार होली (Holi) 10 मार्च को मनाई जाएगी. लेकिन छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के सेमरा गांव में बुधवार यानी 4 मार्च को ही होली मना ली गई. हफ्तेभर पहले ही त्योहार मनाने की परंपरा को मौजूदा पीढ़िया भी आगे बढ़ा रहे हैं. ऐसा नहीं कि यह सिर्फ होली के साथ है. दिवाली, दशहरा सब एक सप्ताह पहले ही मनाया जाता है. कहा जाता है कि अगर कोई इस परंपरा को तोड़ता है तो कुछ ना कुछ अनहोनी हो जाती है.
सेमरा गांव में इस बार होली बुधवार को मनाई गई. अबीर गुलाल से लोगों ने होली खेली. हफ्ते भर पहले होली माने को लेकर कहा जाता है कि इस गांव के देवता सिदार ने किसी के सपने में कहा था कि हर त्योहार मनाने से पहले उन्हें हुमधूप देना जरूरी है. गांव के लोग अपने देवता को खुश करने के लिए कोई भी त्योहार हफ्ते भर पहले ही मनाते हैं.
इसे भी पढ़ें:होली पर करना है मेट्रो का सफर तो हो जाएं अलर्ट, 2.30 बजे के बाद चलेगी मेट्रो
कुछ लोग इसे अंधविश्वास का दर्जा दे सकते हैं. लेकिन आज की युवा पीढ़ी जो उस गांव में रहती है उनका कहना है कि यह हमारे गांव की परंपरा है. आस्था और विश्वास की वजह से हम तमाम त्योहार पहले मनाते हैं.
और पढ़ें:Coronavirus: रंग के उमंग पर कोरोना का साया, होली मिलन से भी परहेज
युवाओं का कहना है कि त्योहार पहले मनाने से उनके नाते-रिश्तेदार त्योहार में शिरकत भी कर लेते हैं. क्योंकि वो बाद में अपने घर त्योहार मना लेते हैं. इससे हमें मेहमान नवाजी का भी मौका मिल जाता है.
तारीख से पहले त्योहार मनाने की वजह से यह गांव काफी मशहूर हो गया है. लोगों दूर-दूर से देखने आते हैं.