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पंजाब के बाद अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस में घमासन, बदली जा सकती है कमान

पंजाब कांग्रेस में मचा सियासी घमासान अभी शांत नहीं हुआ था कि एक और राज्य छत्तीसगढ़ में कांग्रेस में भी उठापटक का दौर शुरू हो गया है. माना जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व जल्द ही छत्तीसगढ़ में बड़ा बदलाव करती है.

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Mohit Sharma
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Chhattisgarh political crisis

Chhattisgarh political crisis( Photo Credit : News Nation)

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पंजाब कांग्रेस में मचा सियासी घमासान अभी शांत नहीं हुआ था कि एक और राज्य छत्तीसगढ़ में कांग्रेस में भी उठापटक का दौर शुरू हो गया है. माना जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व जल्द ही छत्तीसगढ़ में बड़ा बदलाव करती है. इस क्रम में छत्तीसगढ़ के 25 विधायक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं, जबकि 35 एमएलए आज शाम तक दिल्ली पहुंच सकते हैं. आपको बता दें कि पंजाब में संकट के बीच इससे पहले छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के कई विधायक पार्टी प्रभारी पी.एल. पुनिया से मुलाकात करने दिल्ली पहुंच थे. इन विधायकों ने राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा था. राहुल गांधी के राज्य के दौरे से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ एकजुटता दिखाने के लिए करीब एक दर्जन विधायक बुधवार को दिल्ली पहुंचे थे. विधायक का कहना है कि वे राहुल गांधी से उनके निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करने का अनुरोध करने आए हैं.

छत्तीसगढ़ में बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनने की चर्चा के बीच विधायक दिल्ली आए हैं, क्योंकि राहुल गांधी का दौरा राज्य में कांग्रेस की राजनीति का भविष्य तय करेगा. अभी तक दोनों खेमों- मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में और दूसरा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के नेतृत्व में संस्पेंस बना हुआ है. राज्य कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा था कि पार्टी राहुल गांधी के सरगुजा और बस्तर के दौरे की तैयारी में व्यस्त है. दोनों आदिवासी बेल्ट, और सरगुजा भी टी.एस. सिंहदेव का मजबूत गढ़ माना जाता है। मरकाम ने कहा था कि वह राज्य में संगठन के प्रमुख हैं और किसी खेमे से ताल्लुक नहीं रखते हैं। हालांकि, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के दौरे की तारीखें अभी तय नहीं हुई हैं, लेकिन अक्टूबर के दूसरे सप्ताह की शुरुआत में वह जा सकते हैं.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के 2.5 साल पूरे होने के बाद से सिंहदेव के समर्थक मुख्यमंत्री पद में बदलाव का दबाव बना रहे हैं. रोटेशनल मुख्यमंत्री के मुद्दे पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है क्योंकि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से कोई स्पष्टता नहीं है.

Source : News Nation Bureau

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