छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक कलेक्टर की तानाशाही सामने आई है. यहां के शिक्षकों को अपनी परेशानी गिनाना की भारी कीमत चुकानी पड़ी है. दरअसल, चुनाव ड्यूटी कर पाने में अक्षम शिक्षकों ने जब अपनी मजबूरी कलेक्टर को सुनाई तो उन्होंने सीधे उन्हें रिटायरमेंट का फरमान जारी कर दिया. रायपुर कलेक्टर बसव राजू ने चार शिक्षकों के खिलाफ जबरदस्ती रिटायरमेंट का निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को भेजा है. इधर कलेक्टर के निर्देश के बाद DEO की तरफ से संबधित शिक्षकों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया गया है.
तीन चरणों में छत्तीसगढ़ में होने वाले चुनाव के मद्देनजर शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी में लगाया गया था. रायपुर से पूर्व माध्यमिक शाला छाटा के व्याख्याता मनोज कुमार साहू, नमिता वर्मा व्याख्यता पंचायत शासकीय उच्च माध्यमिक स्कूल टेकारी, कुंडा रचना मिश्रा LB व्याख्याता शासकीय उच्च माध्यमिक, टेकारी और गोपीराम जांगड़े प्रधान पाठक विद्या मंदिर जुगेसर ने चुनाव ड्यूटी लगने के बाद मेडिकल ग्राउंड के आधार पर छुट्टी के लिए आवेदन दिया था और मांग की थी उन्हें उनकी बीमारी के आधार पर चुनाव ड्यूटी से अलग किया जाए.
इन सभी ने खुद को डायबीटीज मरीज बताते हुए चुनाव ड्यूटी से खुद को राहत देने की मांग की थी. लेकिन इस आवदेन पर कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए सभी के खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृति का प्रस्ताव डीईओ को भेजने को कहा है. पत्र में ये भी कहा गया है कि सभी के खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृति का प्रस्ताव तैयार कर जिला निर्वाचन कार्यालय को अवगत कराने को कहा है.
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आदेश में कहा गया है...
'छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय महानदी भवन नया रायपुर से प्राप्त पत्र क्रमांक F-7/1/2017/1-3 नया रायपुर के दिनांक 25.4.17 अनुसार 50 वर्ष की आयु अथवा 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर शासकीय सेवकों के अभिलेखों के छानबीन कर अनिवार्य सेवानिवृति के संबंध में निर्देश इस ज्ञापन के साथ संलग्न हैं अत: उपरोक्त कर्मचारी के विरुद्ध अनिवार्य सेवानिवृति के संबंध में छत्तीसगढ़ शासन से प्राप्त पत्र अनुसार विधि संगत कार्यवाही करना सुनिश्चित करें तथा कृत्य कार्यवाही से इस कार्यालय को अवगत कराएं.'
Source : News Nation Bureau