चावल का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में मानसून पूरी तरह से छा चुका है. मौसम विभाग ने पूरे राज्य में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. जिसमें कई जिलों में तेज बारिश के अलावा बिजली गिरने जैसी आशंकाएं भी जताई गई हैं. इस बीच बस्तर जिले में तापमान सबसे कम रहेगा. मौसम विभाग के मुताबिक पूर्व-पश्चिम द्रोणिका राजस्थान से उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक सक्रिय होने से इसका प्रभाव छत्तीसगढ़ के ज्यादात्तर हिस्सों में देखने को मिलेगा. वहीं एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा झारखंड और उससे लगे उड़ीसा के ऊपर है, इसका भी असर देखने को मिलेगा.
इस बार देरी से आया मानसून
छत्तीसगढ़ में इस साल पिछले साल की तुलना में एक सप्ताह देरी से पहुंचा है. पिछले साल 10 जून को ही प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी थी. लेकिन इस बार 17 जून से मानसून छत्तीसगढ़ में दस्तक दे पाया है. अब 22 जून को छत्तीसगढ़ के हर कोने में मानसून पहुंच चुका है. मौसम विभाग के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में मानसून के सक्रिय होने से तापमान में भारी गिरावट देखने को मिली है. बुधवार प्रदेश का सबसे अधिक तापमान मुंगेली में 34.4 डिग्री और सबसे कम बस्तर जिले में 28.1 डिग्री दर्ज किया गया. पिछले दो दिनों में प्रदेश के गरियाबंद में 10 सेंटीमीटर, बिलासपुर में 9 सेंटीमीटर, मुंगेली में 8 सेंटीमीटर बारिश रिकॉर्ड किया गया है. वहीं छत्तीसगढ़ के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई है.
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HIGHLIGHTS
- छत्तीसगढ़ में पूरी तरह से आ गया और फिर छा गया मानसून
- मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट
- कई जिलों में भारी बारिश के साथ बिजली गिरने की भी आशंका