मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिलों में पेयजल की दृष्टि से समस्या मूलक क्षेत्रों को चिन्हांकित कर वहां पेयजल की समस्या के स्थायी समाधान के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लगभग 1250 मिलीमीटर औसत वर्षा प्रतिवर्ष होती है. वर्षा की दृष्टि से छत्तीसगढ़ राज्य सौभाग्यशाली है, लेकिन गर्मी की ऋतु में राज्य के अनेक हिस्सों में लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है. इस समस्या का समाधान आवश्यक है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्या का समाधान पहले ही कर लें. आगामी ग्रीष्म ऋतु में लोगों को कोई परेशानी न हो. मुख्य सचिव श्री सुनील कुजूर जिला कलेक्टरों को जारी निर्देशों में कहा है कि शासन के विभिन्न विभागों द्वारा जल संरक्षण के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं. इसके लिए बड़ी धनराशि खर्च होती है, लेकिन इसके बावजूद राज्य के अनेक जिलों में भू-जल स्तर गिरता जा रहा है. इस समस्या का समाधान किया जाना आवश्यक है.
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उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर अपने जिलों में पेयजल की दृष्टि से समस्या मूलक क्षेत्रों को चिन्हांकित कर कार्ययोजना तैयार करें, जिसमें इस वर्ष वर्षा ऋतु के पूर्व किए जाने वाले जल संरक्षण के कार्य, आगामी दो-तीन वर्षों में किए जाने वाले कार्य, विभिन्न विभागों के पास उपलब्ध राशि तथा अतिरिक्त राशि की आवश्यकता संबंधी जानकारी शामिल हो.
Source : News Nation Bureau