छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अब बस्तर के धूर नक्सल प्रभावित चार स्थानों पर चौपाल लगाएंगे. झुलसा देने वाली गर्मी और पग-पग पर माओवादी खतरा होने के बावजूद सीएम के इस साहस को एक नई पहल के तौर पर देखा जा रहा है. दरअसल सुकमा, बीजापुर और कोंडागांव जिले में आयोजित इस चौपाल में सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) माओवाद पीडितों से चर्चा करेंगे. इस दौरान सीएम बघेल स्थानीय लोगों से चर्चा के बाद कुछ बड़े फैसले भी ले सकते हैं ताकि बस्तर का विकास सरपट दौड़ सके.
यह भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में बेरोजगारों को सिर्फ कागजों पर ही मिला प्रशिक्षण, जानें क्या है हकीकत
सीएम बघेल गुरुवार को जगदलपुर (Jagdalpur) में थे. आज सुबह पुलिस परफारमेंस सेंटर का उद्घाटन कर सुकमा जिले के पोलमपल्ली के लिए रवाना हुए. जहां चौपाल लगाकर नक्सल प्रभावितों से चर्चा करेंगे. इस चौपाल के बाद सीएम बघेल बीजापुर जिले के भोपालपट्टनम में भी चौपाल लगाएंगे. यहां से निकलकर वे बस्तर जिले के भोंड में स्थानीय लोगों से रूबरू होंगे. फिर कोंडागांव (Kondagaon) जिले के बड़े कनेरा में भी चौपाल लगाकर लोगों से नक्सल समस्या को लेकर चर्चा करेंगे. सीएम बनने के बाद भूपेश बघेल का माओवाद प्रभावित इलाकों में यह पहला बड़ा कार्यक्रम हैं.
यह भी पढ़ें- छत्तीसगढ़: धान घोटाला मामले में बीजेपी विधायक का भतीजा गिरफ्तार
बता दें कि सीएम भूपेश बघेल सत्ता संभालते ही उन्होने इस बात का जिक्र करते हुए कहा था कि माओवादी समस्या के निपटारे के लिए पीड़ित पक्षों से बात करेंगे, क्योंकि जो पीड़ित हैं और जो इसे करीब से देख रहे हैं, उनसे बेहतर इस मसले पर कोई भी बात नहीं कर सकता. वही पोलमपल्ली जहां ताड़मेटला कांड हुआ था, वहां आठ साल पहले रमन सिंह (Raman Singh) के मुख्यमंत्रित्व काल में 2011 में सुकमा जिले में हुए बहुचर्चित ताड़मेटला आगजनी कांड की घटना का कांग्रेस ने जमकर विरोध किया था. इस घटना में ढ़ाई सौ से अधिक स्थानिय रहवासियों की झोपडियां जला दी गई थी.
यह वीडियो देखें-