कोरोना महामारी के बीच राज्य सरकारें गरीबों के लिए हर जरूरतमंद सामान मुहैया करा रही हैं, ताकि उनको किसी तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने राज्य के सभी बीपीएल राशन कार्ड धारकों को जुलाई से नवंबर तक चावल मुफ्त वितरण की घोषणा की है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राशन कार्ड धारकों को राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पीएम गरीब कल्याण योजना के बराबर चावल की अतिरिक्त मात्रा प्रदान की जाएगी. मुख्यमंत्री की इस घोषणा से 67,90,987 राशन काडरें के लगभग 2,51,46,424 लाभार्थियों को फायदा होगा.
छत्तीसगढ़ सरकार ने मई और जून के महीनों में भी पीडीएस के तहत गरीब और जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त चावल वितरित किया था. मुख्यमंत्री बघेल की घोषणा के अनुसार बीपीएल परिवारों को अब इस वर्ष जुलाई माह से नवंबर माह तक नि:शुल्क चावल उपलब्ध कराया जाएगा.
इस निर्णय से 'अंत्योदय', 'प्राथमिकता','अन्नपूर्णा', 'निराश', विकलांग श्रेणियों के राशन कार्ड धारकों को बहुत लाभ होगा. इसके अलावा, राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम के सभी लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के बराबर मात्रा में चावल उपलब्ध कराया जाएगा.
वैक्सीन की उपलब्धता के हिसाब से वैक्सीन खरीदेगी छत्तीसगढ़ सरकार
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से उबरने के बाद देश में अब हालात संभलने लगे हैं. वायरस की रफ्तार पर काबू पाने के बाद देश अनलॉक के दौर में चला गया है. धीरे धीरे कोरोना पाबंदियों को हटाया जा रहा है. लोगों का कामकाज फिर से पटरी पर लौटने लगा है. दिल्ली, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश समेत कुछ राज्यों में आज से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो रही है, जिसमें कुछ और बंदिशों को हटा दिया गया है. देश में कोरोना की रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन अभियान भी तेजी से चल रहा है.
छत्तीसगढ़ में 21 जून तक कि स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव बोले - अभी स्थिति अस्पष्ट है, अभी जो वैक्सीन की उपलब्धता है उसके हिसाब से राज्य सरकार को फिर वैक्सीन खरीदनी पड़ेगी, कल बैठक करके निर्णय लेंगे. स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा जब तक राज्य सरकार का टीकाकरण चलेगा तब तक सीजी टीका एप रहेगा, जैसे ही राज्य के प्रत्येक नागरिक को टीका लग जायेगा उसके बाद ही सीजी टीका एप बन्द हो जाएगा. वही विधायकों से विधायक निधि से लिये पैसे पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा इसका निर्णय मुख्यमंत्री को लेना है, संभवत विधायकों के फंड को वापस कर सकती है सरकार, अभी तक विधायक निधि के 180 करोड़ में से 27 करोड़ के आसपस खर्चा हुआ है.
Source : News Nation Bureau