CM भूपेश बघेल बोले- सरकार की योजनाओं और नीतियों से खेती-किसानी के प्रति आकर्षण बढ़ा

छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को चर्चा के बाद वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 505 करोड़ 700 रुपये का तृतीय अनुपूरक बजट पारित किया गया. मुख्य बजट 95 हजार 650 करोड़ रुपये का था.

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Deepak Pandey
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Bhupesh Baghel

CM भूपेश बघेल( Photo Credit : फाइल फोटो)

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छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को चर्चा के बाद वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 505 करोड़ 700 रुपये का तृतीय अनुपूरक बजट पारित किया गया. मुख्य बजट 95 हजार 650 करोड़ रुपये का था. प्रथम, द्वितीय और तृतीय अनुपूरक बजट को मिलाकर बजट का आकार अब एक लाख 02 हजार 349 करोड़ रुपये हो गया है. इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में अनुपूरक बजट प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य शासन की योजनाओं और नीतियों के कारण छत्तीसगढ़ में किसानों का खेती-किसानी के प्रति आकर्षण बढ़ा है. उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किश्त इस वित्तीय वर्ष के समाप्त होने के पहले मिल जाएगी.

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि पिछली सरकार ने किसानों की कर्जमाफी और हर साल बोनस देने का वादा किया था जिसे पूरा नहीं किया. पिछली सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में कृषि का आकार लगातार सिकुड़ता रहा. समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 15 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें से केवल 12 लाख किसानों ने धान बेचा था. इस वर्ष 21 लाख किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन कराया जिसमें से साढ़े 20 लाख से अधिक किसानों ने धान बेचा. इस बार हमारे कार्यकाल में धान के रकबे में 21 लाख हेक्टेयर तक की वृद्धि भी हुई.

उन्होंने कहा कि दिल्ली में धरने पर बैठे किसान मांग कर रहे हैं कि जैसे छत्तीसगढ़ में धान खरीदी हो रही है, वैसी ही खरीदी पूरे देश में की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव कर रही है. जब से छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनी है केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय करों में राज्य के हिस्से में 14 हजार 73 करोड़ रुपये की कमी की गई है. केंद्र सरकार के नए बजट में एक्साइज ड्यूटी कम करने और पेट्रोल-डीजल में 4 प्रतिशत सेस लगाने का प्रावधान किया गया है. सेस की पूरी राशि केंद्र को जाएगी, जिससे छत्तीसगढ़ को लगभग 1000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा. 14 हजार 73 करोड़ रुपये की राशि कम नहीं होती, यदि यह राशि मिल जाती तो हमें कर्ज लेने की आवश्यकता ही नहीं होती. पिछली सरकार जितना लोन लेती थी, उसी प्रतिशत में ही वर्तमान राज्य सरकार कर्ज ले रही है.

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी तब छत्तीसगढ़ को केंद्रीय करों में मिलने वाले हिस्से में मात्र 1058 करोड़ रुपये की कमी हुई, इस दौरान कई वर्षों में प्रावधानित राशि से अधिक राशि राज्य को मिली. मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के मुख्य बजट, प्रथम और द्वितीय अनुपूरक बजट में विकास कार्यों के लिए पर्याप्त प्रावधान कर दिए गए हैं, तृतीय अनुपूरक में केवल वही प्रावधान किए गए हैं, जिनकी बहुत आवश्यकता थी या नया हेड खोलना था.

चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार द्वारा हेलीकाप्टर का उपयोग किया जाता रहा है,  पिछली सरकार द्वारा वर्ष 2016 में 11.10 करोड़, 2017 में 11.96 करोड़, वर्ष 2018 में 11.58 करोड़ की राशि खर्च की गई है, हमारी सरकार द्वारा वर्ष 2019 में 14.40 करोड़, वर्ष 2020 में 8.21 करोड़ और 2021 में 1.30 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने कुल बजट का 18 प्रतिशत तक कर्ज लिया था. पिछली सरकार ने चुनावी वर्ष में 16 प्रतिशत कर्ज लिया था. हमारी सरकार ने 2019-20 में 12 प्रतिशत कर्ज लिया. इस वित्तीय वर्ष में हमने अब तक 9 प्रतिशत कर्ज लिया है. पिछली सरकार ने जो 16 प्रतिशत छोड़ा था, उस आंकड़े को हमने नहीं छुआ. जीएसडीपी की बात करें तो वर्ष 2005 में तत्कालीन सरकार ने 19 प्रतिशत लोन लिया था, पिछली सरकार ने अपने अंतिम वर्ष में 17 प्रतिशत लोन लिया था. इसमें जरूर हमारी वृद्धि हुई है, हमारा 19 प्रतिशत तक हुआ है, लेकिन पिछली सरकार ने जो छोड़ा है, उसी के आसपास बजट का आकार रहा है, लोन का आकार रहा है. टंकन त्रुटि के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ने इसे लेकर हाय-तौबा मचाई, जबकि ऐसी त्रुटियां पिछली सरकार के कार्यकाल में भी हुई थीं.

Source : News Nation Bureau

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