Advertisment

छत्तीसगढ़ : डॉ. रमन सिंह ने कहा, ऐसा मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के संसदीय इतिहास में पहली बार हुआ

बजट में विभागीय मांगों पर चर्चा शुरू होनी थी लेकिन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अफसरों ने विभागीय प्रतिवेदन छापकर विधानसभा को दिया ही नहीं

author-image
Akanksha Tiwari
एडिट
New Update
छत्तीसगढ़ : डॉ. रमन सिंह ने कहा, ऐसा मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के संसदीय इतिहास में पहली बार हुआ

रमन सिंह और टीएस सिंह देव (फाइल फोटो)

Advertisment

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के 19 साल के संसदीय इतिहास में बुधवार का दिन गलत वजहों से दर्ज हो गया. बजट में विभागीय मांगों पर चर्चा शुरू होनी थी लेकिन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अफसरों ने विभागीय प्रतिवेदन छापकर विधानसभा को दिया ही नहीं. आखिरी वक्त पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने विधानसभा अध्यक्ष को बताया कि विभाग चर्चा की तैयारी नहीं कर पाया है, इसलिए उनके विभाग की चर्चा के समय को आगे बढ़ा दिया जाए. विपक्ष ने इस मसले पर सरकार को घेरा और यहां तक कह दिया कि ये अवमानना है. बुधवार को स्वास्थ्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव के विभागों के बजट पर चर्चा होनी थी सब कुछ तय समय पर शुरू होने ही वाला था कि विपक्ष ने यह कहकर सरकार को घेर लिया की बजट पर चर्चा होनी है और प्रतिवेदन हमारे पास समय पर नहीं आया और ना ही विधानसभा सचिवालय में पहुंचा.

यह भी पढ़ें- NIA ने झीरम कांड की फाइल राज्य सरकार को देने से किया इंकार, सीएम भूपेश बघेल बोले 'यह बदलापुर नहीं साहब'

इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने संसदीय परंपरा के अनुसार विपक्ष की बात मानी और कार्रवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी. सिंहदेव ने इसके लिए सदन से माफी भी मांगी. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सदन की कार्यवाही को गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. सदन के बाहर संवाददाताओं से चर्चा में विभागीय मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया, विभाग प्रतिवेदन नहीं तैयार कर पाया था. उसकी प्रतियां विधायकों तक पहुंच गई थीं, लेकिन विधानसभा में वह नहीं पहुंच पाया.

यह भी पढ़ें- Velentine Day Special: सात समंदर पार हुई मोहब्बत, मध्‍य प्रदेश में पवित्र बंधन में बंधे

उन्होंने कहा, इस संबंध में विधानसभा सचिवालय से उन्होंने चर्चा की थी, पता चला कि एकाधिक बार पहले भी ऐसा हो चुका है. उन्होंने कहा, वे चर्चा के लिए तैयार थे, लेकिन विपक्ष इस पर तैयार नहीं हुआ. सिंहदेव ने इस लापरवाही के लिए जिम्मेदारों पर कार्यवाही करने की संभावना से भी इन्कार कर दिया.

यह भी पढ़ें- कुत्ते के काटने से महिला की मौत, बिलासपुर हाईकोर्ट ने सुनाया ये बड़ा फैसला

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, विभागीय मांगों पर चर्चा से पहले विभागीय प्रतिवेदन प्रस्तुत होता है. वह प्रिंट होकर ही नहीं आया. प्रतिवेदन नहीं मिला तो चर्चा किस पर होगी. डॉ. रमन सिंह ने कहा, ऐसा मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के संसदीय इतिहास में पहली बार हुआ है. उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह ने कहा, यह सरकार का गैर जिम्मेदाराना रवैया है. सरकार विधानसभा को गंभीरता से नहीं ले रही है. जनता कांग्रेस नेता धर्मजीत सिंह ने भी कहा कि बेहद लापरवाही पूर्वक यह पूरा घटनाक्रम है सरकार कैसे चल रही है भगवान भरोसे है. बुधवार को सदन में जो भी हुआ इसके पीछे गलती किसी की भी हो लेकिन विपक्ष को एक बार फिर से सरकार को घेरने का मौका मिल गया.

Source : News Nation Bureau

BJP congress Janta Congress Dr Raman Singh said that this happened for the first time in parliamentary history of Madhya Pradesh Chhattisgarh TS SinghDeo Bhupesh Baghel
Advertisment
Advertisment