छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने पत्नी के साथ रेप के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर पत्नी कानूनी तौर पर विवाहित है और उसकी उम्र 18 साल से अधिक है तो पत्नी के साथ बलपूर्वक या उसकी इच्छा के विरुद्ध यौन संबंध या यौन क्रिया बलात्कार नहीं है. कोर्ट ने पति को बलात्कार के मामले में आरोपमुक्त कर दिया. हालांकि उसके ऊपर लगे अन्य आरोपों के मामले में आरोप तय कर दिए गए हैं. यह फैसला छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस एनके चन्द्रवंशी की कोर्ट ने दिया है.
क्या था मामला
बेमेतरा जिला निवासी एक महिला ने अपने 37 वर्षीय पति पर उसके साथ जबरदस्ती व उसकी मर्जी के खिलाफ शारीरिक संबंध बनाने का केस दर्ज कराया था. पत्नी ने पति और उसके परिवार के कुछ लोगों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस भी दर्ज कराया गया था. पत्नी का आरोप था कि साल 2017 में उसके विवाह के बाद पति ने उसके साथ कई बार उसकी मर्जी के खिलाफ शारीरिक संबंध बनाए और दहेज के लिए प्रताड़ित किया.
पत्नी से अप्राकृतिक यौन संबंध बलात्कार
कोर्ट ने इस मामले में कहा कि चूंकि पत्नी की उम्र 18 साल से अधिक हैं, ऐसे में किसी पुरुष द्वारा अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध या यौन क्रिया बलात्कार नहीं है. पत्नी ने अपनी शिकायत में कहा था कि उसका पति उसके साथ अप्राकृतिक कृत्य करता है. इसके तहत वे उसके प्राइवेट पार्ट में उंगली डालता है और इतना ही नहीं एक बार उसने उसके निजी अंगों में मूली भी डाल थी. इस मामले में कोर्ट ने धारा 377 के तहत पति पर आरोप तय किए हैं. कोर्ट ने कहा है कि किसी भी तरह से अप्राकृतिक यौन संबंध बनाना अपराध है.
Source : News Nation Bureau