छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का शुक्रवार को निधन हो गया. 74 वर्षीय अजीत जोगी (Ajit Jogi) की काफी समय से लगातार चिंताजनक बनी हुई थी. 9 मई को दोपहर उन्हें अस्पताल लाया गया था. आज दोपहर 3:30 बजे डॉक्टरों ने उनके निधन की पुष्टि की. अस्पताल से उनके पार्थिव शरीर को रायपुर के उनके बंगले सागौन बंगले में ले जाया जा रहा है. शनिवार सुबह बिलासपुर (Bilaspur) में उनके निवास में उन्हें रखा जाएगा. उसके बाद पेंड्रा जिले के गौरेला में उनका अंतिम संस्कार होगा.
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अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी ने पिता के निधन पर कहा, '20 वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया. केवल मैंने ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ ने नेता नहीं, अपना पिता खोया है. माननीय अजीत जोगी जी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़कर ईश्वर के पास चले गए. गांव-गरीब का सहारा, छत्तीसगढ़ का दुलारा, हमसे बहुत दूर चला गया.'
२० वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया।केवल मैंने ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ ने नेता नहीं,अपना पिता खोया है।माननीय अजीत जोगी जी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़ कर,ईश्वर के पास चले गए।गांव-गरीब का सहारा,छत्तीसगढ़ का दुलारा,हमसे बहुत दूर चला गया। pic.twitter.com/RPPqYuZ0YS
— Amit Jogi (@amitjogi) May 29, 2020
भारतीय प्रशासनिक सेवा से राजनीति में आए अजीत जोगी
अजीत जोगी ने अपने करियर की शुरुआत बतौर कलेक्टर की थी, जिस दौरान इंदौर में कलेक्टरी कर रहे थो, तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संपर्क में आ गए. साल 1986 के आसपास उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली और सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया. इसके बाद जोगी का राजनीतिक सिक्का चमकने लगा. वह 1986 से 1998 तक राज्यसभा के सदस्य रहे. इस दौरान वह कांग्रेस में अलग-अलग पद पर कार्यकर रहे, वहीं 1998 में रायगढ़ से लोकसभा सांसद चुने गए.
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साल 2000 में जब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ, तो उस क्षेत्र में कांग्रेस को बहुमत था. यही कारण रहा कि कांग्रेस ने बिना कुछ देरी के अजीत जोगी को ही राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया. जोगी 2003 तक राज्य के सीएम रहे. हालांकि, उसके बाद जोगी की तबीयत खराब होती रही और उनका राजनीतिक ग्राफ भी गिरता गया. लगातार वह पार्टी में बगावती तेवर अपनाते रहे और अंत में उन्होंने अपनी अलग राह चुन ली.
अजीत जोगी ने 2016 में कांग्रेस से बगावत कर अपनी अलग पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नाम से गठन किया था. जबकि एक दौर में वो राज्य में कांग्रेस का चेहरा हुआ करते थे. विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान कांग्रेस से दो-दो हाथ करने के लिए उन्होंने बसपा के साथ गठबंधन किया. भारतीय प्रशासनिक सेवा से राजनीति में आए अजीत जोगी वर्तमान में मारवाही क्षेत्र से विधायक चुन गए. उनकी पत्नी रेनु जोगी कोटा क्षेत्र से विधायक हैं.
Source : News Nation Bureau