छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर इलाके को नक्सली गतिविधियों के लिए जाना जाता है, बीते साल नक्सली घटनाओं में आई कमी ने सुरक्षा बलों को राहत दी थी, मगर एक बार फिर नक्सली सिर उठाने लगे हैं. नक्सलियों के हाईटेक होने की बातें सामने आ रही है, उनके पास बुलेटप्रूफ जैकेट भी हैं, यह सूचना पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए चिंता बढ़ाने वाली है. नक्सलियों द्वारा आमजन के बीच अपनी घुसपैठ बढ़ाने के लिए टेक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन चलाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पुलिस ने नक्सलियों (Naxalite) को सबक सिखाने के लिए 'ऑपरेशन प्रहार' शुरू किया है. इस ऑपरेशन के तहत सुकमा जिले के तोंडामरका और कसालपाड़ में सुरक्षा बल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, कई घंटों चली मुठभेड़ में एक नक्सली भी मारा गया. वहीं सूचनाएं है कि, सात से ज्यादा नक्सली मारे गए मगर उनके शव पुलिस को नहीं मिले.
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सुकमा जिले में बुधवार को पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ नक्सलियों के हाईटेक होने का संदेश दे गई है. इस मुठभेड़ में शामिल कई नक्सली बुलेट प्रूूफ जैकेट के साथ हेलमेट पहने हुए थे. यह पहला मौका है जब नक्सली बुलेट प्रूफ जैकेट पहने दिखे. सुकमा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने शुक्रवार को आईएएनएस से चर्चा करते हुए स्वीकारा, 'तोंडामरका और कसालपाड़ में मुठभेड़ के दौरान कुछ नक्सली बुलेट प्रूफ जैकेट में दिखे हैं, आशंका है कि, यह जैकेट विभिन्न मौकों पर नक्सलियों द्वारा लूटी गई होंगी.'
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने आगे बताया कि ऐसी सूचनाएं मिली है कि, चिंतागुफा के तोंडामरका और कसालपाड़ में हुई मुठभेड़ में छह से ज्यादा नक्सली मारे गए है और उनका नक्सलियों ने अंतिम संस्कार किया है.
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पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी ने भी नक्सलियों के बुलेट प्रूफ जैकेट पहने होने की बात स्वीकार की है. अवस्थी का कहना है, 'तोंडामरका में नक्सलियों से पुलिस बल की मुठभेड़ हुई थी और जब पुलिस बल लौट रहा था, तभी कसालपाड़ में नक्सलियों ने घात लगाकर हमला बोल दिया. इस मौके पर देखा गया कि कुछ नक्सली बुलेट प्रूफ जैकेट पहने हुए थे. यह पहला अवसर है जब नक्सली बुलेट प्रूफ जैकेट पहने हुए दिखे.'
नक्सलियों द्वारा हर गर्मी के मौसम में टेक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन चलाते है साथ ही बड़ी वारदात को अंजाम देने की कोशिश करते है. उनका यह कैंपेन शुरू हो चुका है, वहीं कई हिस्सों में बड़े नक्सली नेताओं का जमावड़ा भी है. इतना ही नहीं नक्सली ग्रामीणों को अपना सुरक्षा कवच बनाकर चल रहे हैं. इन स्थितियों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों ने भी 'ऑपरेशन प्रहार' शुरू किया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन प्रहार तेलंगाना की सीमा से महाराष्ट्र की सीमा तक एक साथ चलाया जा रहा है. इसमें छत्तीसगढ़ की एसटीएफ एवं डीआरजी के लगभग 1400 जवान तथा सीआरपीएफ कोबरा के 450 जवान शामिल हैं.
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