छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कवर्धा में एक अनोखी शादी हुई है, जहां 73 की उम्र के दूल्हा और 67 साल उम्र की दुल्हन ने सात फेरे लिए. दोनों ने 14 फरवरी को यानी कि वेलेंटाइन डे के दिन शादी की. यहां हैरान करने वाली बात यह थी कि इस शादी में बाराती उनके बेटा और बेटी थे. इनकी प्रेम कहानी तो 50 साल पहले शुरू हुई थी, लेकिन शादी का अरमान अब जाकर पूरा हुआ है. यह पूरा मामला कवर्धा जिले के खैरझिटी गांव का है. दूल्हे का नाम सुकाल निषाद है और दुल्हन का नाम गौतरहिन बाई निषाद है. इन दोनों की तीन संतानें हैं, जिनमें दो बेटा और बेटी है. इन तीनों की भी शादी हो गई है.
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दरअसल, करीब 50 साल पहले सुकाल अपने दोस्त के लिए लड़की देखने बेमेतरा जिले के बिरसिंघी गांव में गए थे. यहां सुकाल का दोस्त की होने वाली साली (गौतरहीन निषाद) से प्यार हो गया था. आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से सुकाल शादी नहीं कर पाया, मगर उसने गौतरहीन को बिना शादी किए अपने घर की बहू बना लिया. दोनों तब से अब तक लिव इन रिलेशनशिप में ही रह रहे थे.
अब सुकाल की उम्र काफी हो गई है और वो जवानी से बुढ़ावे में पहुंच गए हैं. अभी उनके तीन बच्चे भी हैं और उनकी शादी भी हो चुकी है. मगर सुकाल को इस बात का मलाल था कि उसकी अपनी शादी धूमधाम और रीति रिवाजों के मुताबिक नहीं हो पाई. इसको लेकर गांव में यह भी चर्चा होती थी कि बिना शादी के मरने के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो पाएगी. लिहाजा पिता की ईच्छा पूरा करने का जिम्मा बेटे ने उठाया.
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ग्रामीणों और परिवार की रजामंदी से शादी समारोह का कार्यक्रम हुआ. तेल, हल्दी और मेंहदी दूल्हा और दुल्हन पर लगाई गई. नाच-गाने के साथ पूरा कार्यक्रम हुआ. दोनों ने बकायदा सात फेरे लिए. पूरी तरह से परंपरा का निर्वहन करते हुए सुकाल ने गौतरहीन से शादी की. इस अनोखी शादी पर अब पूरे क्षेत्र में चर्चा हो रही है. इस बुजुर्ग दंपति की शादी के बारे में सुनकर लोग हैरान हैं.
Source : News Nation Bureau