दुर्ग जिला न्यायालय में आज एक भृत्य को न्यायाधीश द्वारा चार घंटे भूखा प्यासा खड़े रहने की सजा दी गई. सजा का असर ये हुआ कि भृत्य चक्कर खाकर गिर गया जिसे गंभीर अवस्था में जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. घटना के बाद संपूर्ण न्यायालय परिसर में जमकर बवाल खड़ा हो गया.
यह भी पढ़ें- प्रेमी से हुई इतनी नफरत की प्रेमिका ने मां के साथ मिलकर उतारा मौत के घाट
न्यायाधीश के खिलाफ संपूर्ण न्यायालय के भृत्य और अधिवक्ता एकत्रित हो गए ओर उन्होंने जमकर नारेबाजी करते हुए उक्त न्यायाघीश के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की. जब न्याय करने वाला ही अन्याय करने लगे तब आखिर भरोसा किस पर किया जाए.
यह भी पढ़ें- दंतेवाड़ा में पुलिस और नक्सलियों में हुई मुठभेड़, 5 लाख का इनामी नक्सली ढेर
कुछ ऐसा ही वाक्या दुर्ग जिला न्यायालय में शुक्रवार को घटित हुआ जिसने संपूर्ण न्यायालय परिसर में बवाल मचा दिया. दरअसल दुर्ग न्यायालय में एडीजे के रूप में पदस्थ स्मिता रणावत ने अपने भृत्य को चार घंटे तक एक ही स्थान पर खड़े रहने की सजा दी जिससे उसकी हालत बेहद बिगड़ गई और उसे गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.
यह भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ के नामचीन स्कूल में प्रिंसिपल ने लगाया 'भारत माता की जय' बोलने पर प्रतिबंध, मचा बवाल
इस घटना की जानकारी लगते ही संपूर्ण जिला परिसर के भृत्य और वकील एक जुट हो गए और उन्होने इस घटना का जमकर विरोध करना शुरू कर दिया. घटना के बाद जिला परिसर में काफी तनाव का माहौल बन गया. इस मामले को लेकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के साथ अधिवक्ताओं की काफी देर तक चली बैठक भी विफल रही. अधिवक्ता संघ की मांग है कि इस मामले में कठोर कार्रवाई की जाए.
यह भी पढ़ें- बड़ी कामयाबी: छत्तीसगढ़ में पिछले 6 महीने में मारे गए 34 नक्सली, 244 हुए गिरफ्तार
जानकारी के अनुसार न्यायाघीश ने भृत्य को एक निजी कार्य करने कहा था जिसे इंकार करने पर भृत्य को न्यायाघीश ने एक ही स्थान पर खड़े रहने की सजा दी. भूख-प्यास से एक ही स्थान पर खड़े रहने से सदानंद नामक भृत्य चक्कर खाकर गिर गया. उसके मुंह से झाग आने लगा.
यह भी पढ़ें- स्कूल की उखड़ी छत और दीवारों में पड़ी मोटी-मोटी दरारें, खतरे में नौनिहालों की जान
तत्काल वकीलों की मदद से घायल को जिला चिकित्सालय में उपचार के लिए भर्ती कराया गया जहां उसका इलाज जारी है. जिला न्यायालय के भृत्य इस घटना से बेहद आक्रोशित है और उन्होने न्याघीशों द्वारा किस तरह से प्रताड़ित किया जाता है उसकी पोल खोली.
यह भी पढ़ें- बिहार में भारी बारिश से डूबे कई इलाके, इन जिलों में हाई अलर्ट
इस घटना के पूर्व भी न्यायाघीश स्मिता रणावत के ही निवास पर एक भृत्य की मौत हो गई थी उसके बाद इस तरह की घटना हुई है. जिससे जिला न्यायालय में पदस्थ भृत्य और अधिकवक्ता बेहद आक्रोशित हैं और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे है.
HIGHLIGHTS
- स्मिता रणावत ने सुनाई थी एक ही जगह पर खड़े रहने की सजा
- पूर्व में भी स्मिता रणावत के निवास पर एक भृत्य की मौत हो चुकी है
- वकीलों में इस बात को लेकर आक्रोश
Source : News Nation Bureau