लोकसभा चुनाव (Loksabha Election Results 2019) के नतीजों के बाद अब कांग्रेस में दोहरी भूमिका निभाने वाले नेताओं की एक पद से छुट्टी होगी. मुख्मयंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) तो पहले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं. इसके अलावा पार्टी के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को भी अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग (ओबीसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाया जा सकता है.
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शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक हुई, जिसमें समिति ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को संगठन के पुनर्गठन का दायित्व सौंपा है. जिस तरह से लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम आए हैं, उसे देखते हुए राहुल राष्ट्रीय समिति से लेकर प्रदेश ही नहीं, जिला और ब्लॉक समितियों तक में बदलाव करना चाहेंगे. ब्लॉक तक इसलिए, क्योंकि राहुल ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में ब्लॉक समितियों पर पूरा भरोसा किया था. उनके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी कराए थे.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि राहुल कांग्रेस शासित राज्यों में भी सरकार के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद रखेंगे, क्योंकि उन राज्यों में कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. ऐसी स्थिति में राहुल चाहेंगे कि मुख्यमंत्रियों का परफॉर्मेंस अच्छा रहे और पूरी तरह से सरकार के कामकाज को फोकस करते हुए पार्टी के वादों को पूरा करें. ऐसे में जिन राज्यों में मुख्यमंत्री दोहरी भूमिका में हैं, उनसे एक पद लेकर उन्हें हल्का किया जाएगा. जैसे कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और मध्यप्रदेश में कमलनाथ मुख्यमंत्री होने के साथ ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं.
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राहुल छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी तो बघेल के पास ही रहने देंगे, लेकिन पीसीसी अध्यक्ष के पद पर नई नियुक्ति करेंगे. वैसे भी बघेल खुद राहुल के सामने पहले पीसीसी अध्यक्ष पद छोड़ने की इच्छा जता चुके हैं. उन्होंने अपना इस्तीफा भी फैक्स किया था, लेकिन राहुल ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए बघेल को दोहरी भूमिका में रखा था.
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