पंजाब के अमृतसर में रावण दहन के दौरान हुए ट्रेन हादसे ने 60 लोगों की जान ले ली. चंद सेकेंड के अंदर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज दौड़ रही ट्रेन ने सैकड़ों लोगों को रौंद दिया. कुछ इसी तरह का हादसा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में होते-होते बच गया.
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देशभर में जगह-जगह शुक्रवार शाम रावण दहन के कार्यक्रम आयोजित हुए. रायपुर की WRS कॉलोनी में भी रावण दहन का आयोजन किया गया था. जिस वक्त रावण का पुतला जल रहा था. उसी वक्त वहां रेलवे ट्रैक पर हजारों लोग मौजूद थे. यहां भी पुतला दहन के दौरान ही ट्रेन आ गई. एकबारगी लोग दहशत में आ गए. पर यहां पर्याप्त संख्या में सुरक्षा के इंतजाम थे. यहां रावण दहन शाम करीब 6.40 मिनट पर हुआ. जबकि इससे दो घंटे पहले ही रेलवे और जीआरपी के कार्यक्रम स्थल के पास पहुंच गए थे. ट्रैक पर लंबी दूरी तक जवान खड़े थे और रेलवे क्रॉसिंग को बंद कर दिया गया था.
काश अमृतसर में दिखाई होती ऐसी मुस्तैदी
ट्रेन को करीब एक किलोमीटर पहले से ही धीमा करने के आदेश थे. यानी जिस डब्ल्यूआरएस कॉलोनी में रावण दहन का आयोजन किया गया, उससे पहले ही ट्रेन हल्की स्पीड में चलना शुरू हो गई थी और ट्रेन के साथ-साथ ही जवान भी आगे बढ़ रहे थे. यही वजह रही रायपुर में दशहरा के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान रेल ट्रैक पर भीड़ होने के बावजूद भी सुकशल आयोजन को संपन्न कराया गया और ट्रेन भी वहीं से निकाली गई.
Source : News Nation Bureau