Advertisment

नक्सलियों ने विज्ञप्ति जारी करके 25 लोगों की हत्या की जिम्मेदारी ली

छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सक्रिय माओवादियों ने कथित रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में पिछले दिनों 25 लोगों की हत्या किए जाने की जिम्मेदारी ली है.

author-image
Sushil Kumar
New Update
प्रतीकात्मक फोटो

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सक्रिय माओवादियों ने कथित रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में पिछले दिनों 25 लोगों की हत्या किए जाने की जिम्मेदारी ली है. नक्सलियों ने मारे गए लोगों पर पुलिस मुखबिर, गोपनीय सैनिक और भीतरघाती होने का आरोप लगाया है. वहीं, माओवादियों की विज्ञप्ति के आने के बाद पुलिस ने कहा है कि माओवादी अब बस्तर क्षेत्र में जनता का विश्वास खो रहे हैं इसलिए वह निर्दोष ग्रामीणों को निशाना बना रहे हैं. भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) दंडकारण्य स्पेशल जोन कमेटी के नाम से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि बीजापुर जिले के गंगालूर और अन्य क्षेत्रों में पुलिस मुखबिरों का जाल तैयार कर रही है और इससे आदिवासी जनता परेशान है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि जनअदालत के माध्यम से 12 गोपनीय सैनिकों, पांच भीतरघातियों और आठ मुखबिरों को सजा दी गई है.

उन्होंने कहा है कि पश्चिम बस्तर डिविजनल कमेटी सदस्य विज्जा के भी भीतरघाती बनकर पुलिस के लिए काम करने की जानकारी मिली है. दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प के द्वारा जारी इस विज्ञप्ति में माओवादियों ने बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुदंरराज पी, बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप और दंतेवाड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव पर क्षेत्र में मुखबिरों का जाल तैयार करने का आरोप लगाया है. विज्ञप्ति में माओवादियों ने यह जानकारी नहीं दी है कि उन्होंने यह हत्याएं कब की हैं लेकिन पुलिस का कहना है कि यह घटनाएं पिछले दो माह के दौरान हुई हैं. पिछले सप्ताह बस्तर क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि माओवादियों की आपसी लड़ाई में नक्सली नेता विज्जा समेत छह नक्सलियों की मौत हुई है. वहीं, सितंबर में ही बीजापुर जिले के अलग-अलग स्थानों में सात ग्रामीणों की मौत हुई थी.

इधर, बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा है नक्सलियों का आंदोलन अपने अंत के करीब है क्योंकि आदिवासी इलाकों में ग्रामीण नक्सलियों के खिलाफ हो रहे हैं. सुंदरराज ने कहा कि माओवादी नेताओं को अब अपने आंदोलन के खात्मे का डर दिख रहा है. यह आंदोलन अब पूरी तरह से दिशाहीन हो गया है. हताशा के कारण वह ग्रामीणों पर मुखबिर होने का आरोप लगा रहे हैं और उनकी हत्या कर रहे हैं. वहीं माओवादियों ने यह स्वीकार भी किया है कि उन्होंने अपने ही साथियों की भी हत्या कर दी है. 

Source : Bhasha

Murder naxal killing
Advertisment
Advertisment